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रामजन्म होते ही पंडाल में लगे प्रभु श्रीराम के जयकारे

– प्रवचन करतीं कथावाचिका वैदेही सुरभि।
खागा, फतेहपुर। नगर के पूर्वी बाईपास में आयोजित रामकथा के अंतर्गत मंगलवार को श्रद्धा व भक्ति से परिपूर्ण वातावरण देखने को मिला। प्रसिद्ध कथावाचिका वैदेही सुरभि ने राम जन्म की पावन कथा का भावपूर्ण वर्णन किया। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और उन्होंने भक्ति भाव से कथा श्रवण किया। वैदेही सुरभि ने कथा सुनाते हुए बताया कि अयोध्या के प्रतापी राजा दशरथ को लंबे समय तक संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो रही थी। इससे वे अत्यंत चिंतित रहते थे। गुरु वशिष्ठ की सलाह पर राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ का आयोजन कराया। यज्ञ के सफल समापन के पश्चात देव कृपा से राजा दशरथ की तीनों रानियों कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। कौशल्या से भगवान श्रीराम, कैकेयी से भरत तथा सुमित्रा से लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। कथावाचिका ने बताया कि चारों राजकुमारों के जन्म से अयोध्या नगरी में अपार हर्ष और उल्लास का वातावरण बन गया। पूरे नगर में उत्सव मनाया गया, ढोल-नगाड़े बजे और घर-घर दीप प्रज्जवलित किए गए। वर्षों तक अयोध्या की प्रजा ने इस शुभ अवसर का उत्सव मनाया। चारों ओर भगवान श्रीराम के जयकारे गूंजते रहे और नगर भक्तिमय हो गया। राम जन्म की कथा सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथा स्थल पर जय श्रीराम के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। वैदेही सुरभि ने अपने मधुर वाणी और सरल शब्दों में कथा का वर्णन कर श्रोताओं को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया। इस अवसर पर यजमान के रूप में चेयरमैन गीता सिंह के प्रतिनिधि रामगोपाल सिंह उपस्थित रहे। उनके साथ सुरेंद्र परिहार, शैलेंद्र कुमार, रामप्रकाश सिंह, गया सिंह सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के समापन पर आरती और प्रसाद वितरण किया गया। रामकथा का आयोजन क्षेत्र में धार्मिक आस्था और सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करने का माध्यम बन रहा है।

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