उत्तराखंड में दो दिन में दूसरी बार बादल फटा है। 17 सितंबर की रात चमोली जिले के नंदानगर घाट में बादल फटा। यहां कुंटरी लंगाफली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए। 7 लोग लापता हैं। 2 लोग रेस्क्यू किए गए।
इससे पहले 16 सितंबर को देहरादून में बादल फटा था। देहरादून से मसूरी का 35 किलोमीटर का रास्ता कई जगह क्षतिग्रस्त है। इसके कारण मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स लगातार तीसरे दिन फंसे हुए हैं।
हिमाचल में इस सीजन बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और अचानक आई बाढ़ से अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने दोनों ही राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को अगले 48 घंटे हाई अलर्ट पर रखा है।
देश में इस साल 24 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल पहुंचा था। देश में अब तक (17 सितंबर) सामान्य से 8% ज्यादा बारिश हो चुकी है। 3 राज्यों राजस्थान (पश्चिम), पंजाब और हरियाणा से मानसून की विदाई शुरू भी हो चुकी है, लेकिन इसके जाते-जाते भी देश के 7 राज्यों में तेज बारिश की संभवना है।
मौसम विभाग और ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (GFS) के मुताबिक, सितंबर के आखिरी कुछ दिन और अक्टूबर की शुरुआत तक एक बड़े कम दबाव के क्षेत्र के साथ जबरदस्त बारिश के आसार हैं।
25 या 26 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में बड़ा मानसूनी सिस्टम लो प्रेशर एरिया बन रहा है। इससे पूर्वी-पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छग, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2-3 दिन तेज बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में 3 इंच तक पानी गिर सकता है।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निगुलसरी के पास 6 दिन पहले लैंडस्लाइड हुआ था। यहां रास्त ब्लॉक हो गया था। तब से उसे खोलने की कोशिश जारी है, मलबा हटाया जा रहा है। नेशनल हाईवे-5 अथॉरिटी की टीम रास्ता खोलने में जुटी है। वाहनों को धीरे-धीरे यहां निकाला जा रहा है।
मध्य प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में औसत 1084.58mm बारिश हो चुकी है, जो सामान्य कोटे से 177.8mm ज्यादा है। मौसम विभाग के मुताबिक, दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक ट्रफ की एक्टिविटी से कुछ जिलों में बारिश का दौर बन रहा है। अगले 24 घंटे में नया सिस्टम एक्टिव होने के बाद फिर से पानी गिरेगा।