कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को नहीं मिली कोर्ट से राहत:PM मोदी व उनके पिता पर अभद्र टिप्पणी करने का मामला; अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी

प्रधानमंत्री मोदी व उनके पिता पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले मे आरोपी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेडा द्वारा आरोपों से खारिज करने की याचिका मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखनऊ ने खारिज कर दी। अभियुक्त पवन खेड़ा का जमानत प्रार्थना पत्र पूर्व में ही दिनांक 16 अगस्त 23 को स्वीकार किया जा चुका है। अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।

लखनऊ अभियोजन की तरफ से पेश सरकारी वकील राजेंद्र कुमार पांडेय ने तर्क देते हुए बताया कि इस सम्बन्ध में वादी मुकेश शर्मा (महानगर अध्यक्ष भाजपा) द्वारा थाना हजरतगंज में दिनांक 20 फरवरी 2023 को प्रथम रिपोर्ट दर्ज कराया था।

एफआईआर में यह लिखा गया है कि दिल्ली में एक संवाद‌दाता सम्मेलन में पवन खेड़ा द्वारा देश के प्रधानमंत्री व उनके दिवंगत पिता के नाम के साथ अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी का नाम जोड़ कर उनकी ख्याति को क्षति पहुंचाई है। जिससे देश की करोड़ों जनता आहत हुई है।

बयान.. FIR.. गिरफ्तारी.. बवाल और सुप्रीम कोर्ट में गुहार… पढ़ें पूरा घटनाक्रम

इस प्रकरण में देश और प्रदेश में अलग-अलग जगह FIR होने के बाद अभियुक्त ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई। जिस पर कोर्ट ने इस प्रकरण से जुड़ी सभी अन्य प्रथम सूचना रिपोर्टों को लखनऊ में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। बीते 4 जनवरी को पवन खेड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में FIR रद्द करने की याचिक दाखिल की थी। जहां पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी राहत में मिली थी।

विवादित बयान: 20 फरवरी को दिल्ली में हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कहा था, ‘जब अटल बिहारी वाजपेयी JPC बना सकते हैं तो नरेंद्र गौतमदास मोदी को क्या समस्या है।’ नाम भले ही दामोदर दास है। उनका काम गौतमदास का है। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी थी प्रधानमंत्री के नाम को लेकर उन्हें कन्फ्यूजन था।

3 जगह FIR: इस बयान के बाद पवन खेड़ा पर असम के दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग में कम्युनल डिस्टर्बेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर केस दर्ज किया गया। यूपी के वाराणसी और लखनऊ में FIR दर्ज की गई थी। लखनऊ में हजरतगंज थाने में BJP के MLC मुकेश शर्मा ने FIR दर्ज की थी।

रायपुर जाने से पहले अरेस्टिंग: 23 फरवरी को पवन खेड़ा पार्टी अधिवेशन में दिल्ली से रायपुर जाने के दौरान असम पुलिस ने खेड़ा को फ्लाइट से उतारकर गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेताओं ने 2 घंटे तक एयरपोर्ट पर ही धरना दिया था।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका: अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा को राहत देते हुए 28 फरवरी तक अंतरिम जमानत और तीनों FIR को एक जगह क्लब करने का आदेश दिया था। 30 हजार के बॉन्ड भी भरवाया गया था।

खेड़ा को CJI की नसीहत: CJI ने कहा था- हमने आपको प्रोटेक्शन (गिरफ्तारी से) दिया है, लेकिन बयानबाजी का भी कुछ स्तर होना चाहिए। इस पर खेड़ा के वकील सिंघवी ने कहा- हम भी इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करते।

जमानत के बाद बयान: पवन खेड़ा ने कहा, ‘असम पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से मुझे अरेस्ट किया। गिरफ्तारी को लेकर न ही मुझे पहले से कोई सूचना दी गई और न ही कोई नोटिस मिला। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, जिसने आज मेरी फ्रीडम ऑफ स्पीच की रक्षा की। मामला कोर्ट में है, इसलिए कोई टिप्पणी नहीं करुंगा।’

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