अशोक विहार की साहिल सिटी कॉलोनी निवासी इरफान सैफी परिवार के साथ रहते हैं। वह सिलाई फैक्टरी में काम करते हैं। परिवार में पत्नी फरूनीशा, चार बेटियां और दो बेटे हैं। उनका छोटा बेटा अरशद 11वीं कक्षा का छात्र था। उन्होंने बताया कि दोपहर करीब पौने 12 बजे अरशद के दोस्त कासिफ का फोन आया। वह उनके बेटे को जैन कॉलोनी में बुला रहा था। इरफान ने बेटे को फोन नहीं दिया और कासिफ को मना कर दिया। उन्होंने बताया कि घर में दूसरी मंजिल पर लिंटर खुलवाने का काम चल रहा था। इसके बाद उनका बेटा अरशद नाश्ता लेने जाने की बात कह कर घर से चला गया। कुछ देर बार इरफान को फोन पर जानकारी मिली की उनके बेटे अरशद को जैन कॉलोनी में असलम ने चाकू मार दिया।
सूचना मिलने के बाद इरफान दूसरे बेटे के साथ घटनास्थल के पास के अस्पताल पहुंचे। हालत गंभीर होने पर अरशद को दिल्ली के गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में रेफर किया गया। जहां डॉक्टरों ने अरशद को मृत घोषित कर दिया। अरशद की मौत की खबर सुनकर परिवार में मातम पसर गया। अरशद की मां और बहने रोते-रोते बेहोश हो गई। आसपास के लोगों का उनके घर में आना जाना शुरू हो गया। वहीं, हत्या की सूचना मिलने के बाद डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्रनाथ तिवारी, एसीपी लोनी सूर्यबली मौर्य टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और परिजनों से बात की। परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी। एसीपी लोनी ने बताया कि तीनों आरोपी मौके से फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम दबिश दे रही है। आरोपियों के घर बंद हैं। जल्द ही तीनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
दोस्त का पड़ोसियों के साथ हुआ था झगड़ा
अरशद के दोस्त कासिफ ने बताया कि उनके पड़ोस में असलम की भैंस बंधती है। जहां भैंस बंधती है, वहां बैठकर असलम के साथी नशा करते हैं। कासिफ के परिजनों ने इसका विरोध किया। विरोध करने पर असलम के परिवार के सदस्य आ गए। उन्होंने घर पर पथराव कर दिया। इसके बाद उन्होंने अरशद को बुलाया। अरशद और कासिफ भी झगड़े में शामिल हो गए। तभी मौका पाकर असलम ने चाकू निकाला और मारने की नियत से अरशद, कासिफ के पीछे भागने लगा। कासिफ ने बताया कि असलम के हाथ अरशद लग गया और असलम ने अरशद के पेट में चाकू से वार कर दिया।
जिस समय असलम अरशद को चाकू से हमला कर रहा था, उस समय आसपास के लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई थी। किसी ने भी असलम को रोकने की हिम्मत नहीं दिखाई। असलम अरशद को चाकू मारने के बाद कासिफ के पीछे उसे चाकू मारने के लिए भागने लगा। इस दौरान भीड़ में खड़े इस्लाम ने हिम्मत दिखाई और असलम से भिड़ गया और उसके हाथ से चाकू छीन लिया। इसके बाद आरोपी लोगों के बीच से भाग गया। बेटे की मौत की खबर सुनकर मां फरूनीशा रोते हुए बोलीं कि मेरे लाल का क्या कसूर था, झगड़ा तो किसी और का था। मेरे बेटे को क्यों मार डाला। पुलिस आरोपियों को पकड़ कर कड़ी सजा दे।