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25 साल से शिक्षा के नाम पर धोखा! नकली NCERT किताबों का करोड़ों का खेल उजागर

 

Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने शाहदारा जिले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 2.4 ककरोड़ रुपये से अधिक कीमत की नकली एनसीईआरटी (NCERT) किताबों के अवैध कारोबार का पर्दाफाश किया है. इस मामले में पिता-पुत्र की जोड़ी को गिरफ्तार किया गया है और 1.7 लाख से ज्यादा नकली किताबें जब्त की गई हैं. यह कार्रवाई 16 मई 2025 को मंडोली रोड, शाहदारा में मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई.

शाहदारा जिला पुलिस को जानकारी मिली थी कि मंडोली रोड पर एक दुकान में नकली एनसीईआरटी किताबों का अवैध कारोबार चल रहा है. इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर मुनिश कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई. इस टीम में सब-इंस्पेक्टर भूमेश्वर, सहायक सब-इंस्पेक्टर प्रमोद, मोहम्मद जोहर, नजीर, नीरज सहित कई अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे. एनसीईआरटी के सहायक उत्पादन अधिकारी प्रकाशवीर सिंह को भी किताबों की प्रामाणिकता जांचने के लिए बुलाया गया.

पुलिस टीम ने मंडोली रोड पर बताई गई दुकान पर छापा मारा. वहां पाया गया कि दुकान में नकली एनसीईआरटी किताबें और अन्य अवैध शैक्षिक सामग्री बेची जा रही थी. दुकान के मालिक प्रशांत गुप्ता (48 वर्ष) और उनके बेटे निशांत गुप्ता (26 वर्ष) को मौके पर गिरफ्तार किया गया. दुकान में 5-6 मजदूर भी मौजूद थे, जो इस अवैध कारोबार में सहायता कर रहे थे.

छापेमारी के दौरान नकली एनसीईआरटी किताबें भी बरामद की गईं, जो कक्षा 12 की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों की नकली कॉपी थीं. एनसीईआरटी के अधिकारी प्रकाशवीर सिंह ने जांच के बाद पुष्टि की कि ये किताबें कॉपीराइट कानून का उल्लंघन करती हैं. इन किताबों पर दुकानदार और एनसीईआरटी अधिकारी के जाली हस्ताक्षर थे, ताकि इन्हें असली जैसा दिखाया जा सके.

पूछताछ में प्रशांत गुप्ता ने बताया कि वह पिछले 25 साल से यह दुकान चला रहे हैं और उनके बेटे निशांत पिछले 5 साल से इस कारोबार में शामिल हैं. आसान मुनाफे के लालच में उन्होंने नकली किताबों का कारोबार शुरू किया था. उन्होंने खुलासा किया कि ये किताबें वे दिल्ली के हीरानकी, अलीपुर के एक गोदाम से खरीदते थे.

इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने हीरानकी के शिव एनक्लेव, कश्मीरी कॉलोनी में एक और छापा मारा. वहां से करीब 1.6 लाख नकली किताबें बरामद की गईं, जिनकी कीमत लगभग 2.4 करोड़ रुपये आंकी गई. एनसीईआरटी की टीम ने इन किताबों की जांच कर पुष्टि की कि ये सभी कॉपीराइट कानून का उल्लंघन करती हैं.

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