मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अब्बास की विधायकी बहाल होगी। हेट स्पीच केस में मऊ सेशन कोर्ट ने अब्बास अंसारी को 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी। लोअर कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब्बास अंसारी ने रिविजन पिटीशन दाखिल की थी। बुधवार को न्यायमूर्ति समीर जैन की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाया। 30 जुलाई को बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। बीते 31 मई को मऊ में सेशन कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने अब्बास के साथ ही उनके चुनाव एजेंट मंसूर को 6 महीने की सजा सुनाई गई। दोनों पर 2-2 हजार का जुर्माना भी लगाया गया। जबकि अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया था। विधायक के वकील दरोगा सिंह ने कहा- सजा होने के बाद अब्बास और मंसूर ने 20-20 हजार के बेल बॉन्ड भर दिए, जिसके बाद दोनों को जमानत मिल गई। सजा के ऐलान के साथ ही विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने अब्बास की सदस्यता समाप्त कर सीट को रिक्त घोषित करने का आदेश जारी कर दिया था। साथ ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी को उपचुनाव कराने का प्रस्ताव भी भेज दिया था। इसके बाद 1 जून को यूपी विधानसभा सचिवालय ने माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म कर दी। उनकी मऊ विधानसभा सीट को खाली घोषित कर दिया गया।
बात 3 मार्च, 2022 की है। अब्बास ने मऊ के पहाड़पुर मैदान में चुनावी रैली की। इसमें कहा- यहां पर जो आज डंडा चला रहे हैं। अगले मुख्यमंत्री होने वाले अखिलेश भैया से कहकर आया हूं। सरकार बनने के बाद छह महीने तक कोई तबादला और तैनाती नहीं होगी। जो हैं, वह यहीं रहेगा। जिस-जिस के साथ जो-जो किया है, उसका हिसाब किताब यहां देना पड़ेगा। इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने तब अब्बास अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 24 घंटे तक प्रचार पर रोक लगा दी थी। 4 अप्रैल, 2022 को तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर शहर कोतवाली में FIR दर्ज की गई थी। इसमें अब्बास, उनके छोटे भाई उमर अंसारी और चुनाव एजेंट मंसूर के अलावा 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन पर IPC की धाराएं- 506 (धमकी), 171F (चुनाव प्रक्रिया में बाधा), 186 (लोक सेवक को बाधित करना), 189 (लोक सेवक को धमकाना), 153A (साम्प्रदायिक वैमनस्य) और 120B (षड्यंत्र) जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई थीं।सजा के ऐलान के बाद कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। पुलिस के साथ एसओजी के जवान भी तैनात रहे। कोर्ट में पेशी से पहले अब्बास के एक समर्थक ने जबरन कोर्ट में घुसने का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में अब्बास अंसारी ने ऐसा बयान दिया था, जिसे भड़काऊ और अधिकारियों को धमकी देने वाला माना गया. उन्होंने कहा था कि सत्ता में आने के बाद ‘सबका हिसाब लिया जाएगा.’बयान के बाद चुनाव आयोग ने उनके प्रचार पर रोक लगाई थी. साथ ही एक मुकदमा कोतवाली नगर थाना क्षेत्र में दर्ज हुआ था.