ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने कहा है कि बिहार में सांप्रदायिक शक्तियों ने बहुत तबाही मचाई है। यहां के सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों की विरासत को बेकार किया गया है। आने वाले दिनों में बिहार का और नुकसान न हो, इसके लिए इस सांप्रदायिक सरकार को हटाना बहुत जरूरी है। हम नहीं चाहते कि बिहार में फिर कोई ऐसी सरकार आए जो भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा दे। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में लोकतंत्र का चीर-हरण हो रहा है और बच्चों की पढ़ाई बर्बाद हो रही है। हमने महागठबंधन को अपना प्रस्ताव दे दिया है। अब फैसला उनके हाथ में है। हम थर्ड ऑप्शन पर भी काम कर रहे हैं। हम किसी के नौकर थोड़े ही हैं कि किसी के कहने पर उठते-बैठते रहें। पिछले 11 साल से बिहार में राजनीति कर रहे हैं। जनता का हित ही हमारा पहला लक्ष्य है।
वोटर पुनरीक्षण अभियान को लेकर: AIMIM प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसका विरोध किया है। ओवैसी साहब ने 90 बिंदुओं पर आपत्ति जताई है और अपनी बात चुनाव आयोग को भेज दी है। आयोग बिहार के आम वोटरों को वोट देने से वंचित करने की साजिश कर रहा है। बर्थ सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है, क्या सभी लोग दे सकते हैं? यह कहां संभव है। अख्तरुल इमान ने कहा कि बिहार के 70% युवा रोजगार के लिए बाहर हैं। आपने भी ट्रेन और बस स्टैंडों पर भीड़ देखी होगी। जब वो यहां रहते ही नहीं तो 25 दिनों में वो कहां से दस्तावेज जमा करेंगे। यह काम साल भर का है। चुनाव आयोग 25 दिन में यह सब कैसे कर पाएगा ? यह सब साजिश है ताकि कुछ वोटरों को वोट देने से रोका जा सके।
उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि: यह लोग उसी चालाकी में लगे हुए हैं जैसे महाराष्ट्र में सरकार बनाई। वैसे ही बिहार में भी करना चाहते हैं, लेकिन बिहार की जनता इन्हें जवाब देगी। AIMIM हर विकल्प पर काम कर रही है। जरूरत पड़ी तो तीसरा मोर्चा भी खड़ा होगा। उन्होंने अंत में कहा कि AIMIM का लक्ष्य सत्ता नहीं बल्कि जनता के हक और संविधान की रक्षा करना है।