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ग्रामीण पत्रकारों के रहनुमा थे बाबू बालेश्वर लाल: जिला अध्यक्ष चंद्रेश त्रिवेदी

 

रायबरेली जनपद के पत्रकारों ने ग्रापए के संस्थापक बालेश्वर लाल की मनायी 38वीं पुण्यतिथि।

रायबरेली । ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के संस्थापक बाबू बालेश्वर लाल की 38वीं पुण्यतिथि मंगलवार को जिला कार्यालय लालगंज के डिवाइन लाइट इंग्लिश स्कूल में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। जहां उपस्थति पत्रकार बंधुओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये संस्थापक के प्रति स्वरांजलि दी। इस मौके पर उपस्थित कलमकारों को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष चंद्रेश त्रिवेदी ने कहा कि बाबू जी अपने निश्चय के धनी व्यक्ति थे। यदि किसी बात का विरोध कर लेते तो चाहे कुछ भी हो जाय, उससे हारने का नाम नहीं लेते थे और अनीति और अन्याय तो उन्हें किसी भी दशा में पसंद नहीं था। वह अपनी लेखनी के बल पर हमेशा अन्याय, अत्याचार और शोषण की नीति का विरोध करते रहे। ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों के गांव जाकर उन्हें संगठन से जुड़ने का आह्वान किया करते थे। वह बहुत भावुक और उदार प्रकृति के व्यक्ति थे। उनकी बातों का असर पत्रकारों पर तुरंत पड़ता था। इसी क्रम में जिला उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के समाचार को प्रकाशित करने का दायित्व ग्रामीण क्षेत्रों के पत्रकारों के जिम्मे रहता है। प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में संवेदनशीलता रहती है। मानव मन में बसी इस संवेदना को स्वाभाविक रूप से उदिप्त करने से सेवा की मानसिकता का निर्माण होता है। वहीं पर्यावरण विद व सेवानिवृत्ति महाविद्यालय भूगोल विभाग के प्रोफेसर महादेव सिंह ने कहा कि बालेश्वर जी कहा करते थे कि उसका व्यवहार ही बड़े महत्व का है। अपने व्यवहार द्वारा असाध्य को साध्य किया जा सकता है। वह तो कार्य में प्राण फूंकने की संजीवनी है। यह हमारे दया भाव से नहीं, कर्तव्य भाव से हो, यही जीवन की दिशा है। युवा पत्रकारों के जिला समिति नेतृत्वकर्ता अजय सिंह व जीतेन्द्र सविता ने कहा कि बाबू जी एक जुझारू व्यक्तित्व के साथ कर्मठ पत्रकार भी थे। पत्रकारिता क्षेत्र के प्रगति पर गर्व करते हुए उन्होंने पत्रकार की महत्वाकांक्षा का परिणाम बताया है। साथ ही आशा भी व्यक्त किया कि यदि उसकी यही प्रगति निर्बाध गति से जारी रही तो एक न एक दिन ग्रापए भारतवर्ष का सबसे बड़ा पत्रकार संगठन हो जाएगा। जिला उपाध्यक्ष सचिन त्रिपाठी ने कहा कि व्यक्ति के पास यदि पुरुषार्थ विवेकशीलता, एकाग्रता है तो वह निश्चित ही पत्रकारिता के बगिया को सजाने एवं संवारने में समर्थ हो सकता है। उन्होंने पत्रकारों में राष्ट्र प्रेम भावात्मक एकता,राष्ट्रीय एकता लोक कल्याण की भावना मानव मूल्यों की स्थापना लेखनी की सत्यता प्रेम की भावना आदि का संदेश दिया है। पत्रकार संगठन की पहली बैठक 8 अगस्त 1982 को उनके आवास गड़वार में उनके आवास पर मात्र 7 पत्रकारों की मौजूदगी में हुई थी।
कार्यक्रम का संचालन संगठन महा मंत्री विवेक तिवारी ने किया। इस अवसर पर सभी पत्रकार बंधुओ को बाबू बालेश्वर लाल स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विवेक तिवारी,बृजेश यादव,गौरी शंकर,अजय सिंह, जितेंद्र सविता,यशपाल सिंह, आदित्य वर्मा,सुरेश बहादुर सिंह, व्यापार मंडल अध्यक्ष राहुल सिंह भदोरिया,वैश्य एकता महा परिषद के अध्यक्ष राहुल गुप्ता, अनिल गुप्ता, पंकज जयसवाल,धर्मेंद्र पांडे, राममिलन शर्मा, विकास त्रिपाठी,जीशान अहमद, वीरेंद्र वाजपेई, राजेश द्विवेदी, वीरेंद्र जायसवाल, चंद्रकेश मौर्य सुधाकर सिंह,अमरेंद्र यादव सचिन त्रिपाठी, देवेंद्र त्रिपाठी अमन जयसवाल,गदागंज से नीरज त्रिवेदी,संजय सिंह चौहान,राम त्रिवेदी, सौरभ सिंह,खींरो से अनुराग श्रीवास्तव, मोहित त्रिवेदी,छायाकार संतोष मिश्रा सहित अन्य पत्रकार साथी उपस्थित रहे।

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