– शिक्षा में रंगमंच का महत्व विषय पर ओमघाट में रंग कार्यशाला का हुआ शुभारंभ
फतेहपुर। उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित भारतेंदु नाटय अकादमी एवं जिला अपराध निरोधक समिति के संयुक्त तत्वावधान में उत्तर वाहिनी गंगा के किनारे शिक्षा में रंगमंच का महत्व विषय पर आधारित दस दिवसीय नाटय रंग कार्यशाला का शुभारंभ श्री भृगु वेद विद्यालय में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज, डीएफओ रामानुज त्रिपाठी, नमामि गंगे के संयोजक शैलेंद्र शरन सिम्पल रहे। इस कार्यशाला में लगभग 50 वेद पाठी छात्र प्रतिभाग ले रहे है। कार्यशाला के प्रशिक्षक सौरभ संतोष गुप्ता हैं जो भरत मुनि के नाटय से संबंधित आंगिक वाचिक आहार्य एवं सात्विक अभिनय पर छात्रों को गहन प्रशिक्षण प्रदान कर रहे है। रंग पाठशाला में छात्रों को थियेटर गेम्स शारीरिक एवं मानसिक व्यायाम रस भावों की पहचान गति चलन तथा योग ध्यान के माध्यम से उनके शारीरिक एवं बौद्धिक कौशल को बढाया जा रहा है। मुख्य अतिथि रामानुज त्रिपाठी डीएफओ ने कार्यशाला का शुभारंभ करते हुये कहा कि यह छात्रों के लिये यह बहुमूल्य अवसर है जिसमें उनके आत्म विश्वास को बढ़ाने का कार्य करेगा। कार्यशाला के संरक्षक स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज ने इस कार्यशाला पर उत्तर प्रदेश शासन की पहल को बधाई देते हुये प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से छात्रों के संप्रेषण कौशल में निश्चय ही वृद्धि होगी। कार्यशाला में नमामि गंगे के संयोजक शैलेंद्र शरन सिम्पल ने कहा कि यह रंगशाला एक अदभुत पहल है जिससे न सिर्फ विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है बल्कि रंगमंच के शैक्षिक महतव को भी उजागर करती है। इस कार्यशाला में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता राम की शक्ति पूजा का नाटय रूपांतरण पर छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कार्यशाला में मुख्य रूप से गायत्री परिवार के रामस्वरूप गुप्ता, आचार्य रामचंद्र द्विवेदी, हेमंत शुक्ला, अनिरुद्ध तिवारी, कृष्ण कुमार पांडे, प्रशांत तिवारी, रौनक मिश्रा, रविकांत तिवारी, शिवम, सिद्धार्थ कुमार, आश्रम के संतजन एवं वैदिक गुरूजन उपस्थित रहे।