किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के डॉक्टरों ने दूरबीन विधि (लैप्रोस्कोपिक सर्जरी) से सर्जरी कर युवक के सीने में फंसे चाकू को सफलतापूर्वक निकालने में सफलता प्राप्त की है। हमले के दौरान युवक के सीने में करीब पांच इंच लंबा चाकू फंस गया था और वहीं टूट गया था। ऐसी गंभीर स्थिति में जान बचाना बेहद मुश्किल था, लेकिन केजीएमयू के चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर युवक को नया जीवन दे दिया। ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉ. समीर मिश्रा ने बताया कि 11 अप्रैल को गोरखपुर निवासी छोटू आपसी विवाद में हुई लड़ाई के दौरान चाकू लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें तत्काल गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक ऑपरेशन हुआ।
इसके बाद जब दोबारा एक्सरे किया गया तो पता चला कि चाकू का लगभग पांच इंच लंबा हिस्सा फेफड़े को चीरते हुए सीने में फंसा हुआ है। यह स्थिति जानलेवा थी, इसलिए उन्हें केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। 17 अप्रैल की रात ट्रॉमा सेंटर में डॉ. रमवित द्विवेदी और डॉ. ताहिर ने छोटू की जांच की और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनीता सिंह को इसकी सूचना दी। डॉ. अनीता सिंह ने कार्डियोलॉजी, थोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग के विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया। टीम ने तय किया कि ओपन सर्जरी के बजाय दूरबीन विधि से ऑपरेशन किया जाएगा। सफल सर्जरी के बाद अब छोटू स्वस्थ हो रहे हैं। केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने इस उत्कृष्ट कार्य के लिए पूरी चिकित्सकीय टीम को बधाई दी है। एक्सरे रिपोर्ट से पता चला कि चाकू दिल के चैंबर के बीच तक पहुंच चुका था और उसने दिल की पहली परत को छेद कर दिया था। इसलिए चाकू को निकालना अत्यंत सावधानी का कार्य था। डॉक्टरों ने जोखिम कम करने के लिए दूरबीन विधि का उपयोग किया, जिससे घाव भी कम हुआ और सर्जरी अधिक सुरक्षित रही।
सर्जरी में शामिल डॉक्टर
डॉ. अनीता सिंह, डॉ. रमवित द्विवेदी, डॉ. विशाल गम्मे, डॉ. अमन सिंह, डॉ. मोहम्मद ताहिर, डॉ. एकता सिंह, डॉ. अर्चना, डॉ. अंकित, डॉ. समर, डॉ. प्रेमराज सिंह, डॉ. ज्योति, डॉ. कार्तिक ए. राजा।