फतेहपुर सिविल कोर्ट में सीनियर डिवीजन में मंदिर- मकबरा प्रकरण की सुनवाई के लिए दोनों पक्ष कोर्ट में उपस्थित हुए थे। जहां कोर्ट द्वारा पुनर्स्थापना के अपील को लेकर 15 दिसंबर 2025 की तारीख तय किया है।
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि मकबरा के मुतव्वली रहे अनीस खान की मौत के बाद उनके पुत्र अबु हरेरा को मुतव्वली बनाया गया था। इस दौरान जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। कोर्ट परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है।
यह विवाद फतेहपुर जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के आबू नगर स्थित रेडाइया मोहल्ला में बने मकबरा मंगी को लेकर है। मठ मंदिर संघर्ष समिति और भाजपा के जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल के नेतृत्व में 7 अगस्त को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर इसे मंदिर बताते हुए साफ-सफाई की अनुमति मांगी गई थी।
जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी, जिसके बाद 11 अगस्त को करीब दो हजार लोग मकबरा स्थल पर पहुंच गए। यहां तोड़फोड़ की गई और पूजा-अर्चना भी की गई थी। इस घटना के बाद आबू नगर चौकी प्रभारी की ओर से 10 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
यह मामला सीनियर डिवीजन कोर्ट फतेहपुर में विचाराधीन है। मकबरा मंगी के वादी हरेरा हैं, जबकि हिंदू पक्ष के विजय प्रताप सिंह प्रतिवादी हैं। आज की सुनवाई में पुनर्स्थापना को लेकर बहस होनी है।
इससे पहले, विवादित स्थल को लेकर प्रयागराज कमिश्नर और एडीजी ने 175 पेज की एक रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को भेजी थी। हालांकि, मुकदमा दर्ज होने के बावजूद अभी तक किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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