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बिजली निजीकरण को लेकर भाकपा ने किया हल्ला बोल, दिया ज्ञापन

– औने-पौने दामों में पूंजीपतियों के हाथों निगम को देना चाह रही योगी सरकार
– तहसील परिसर में नारेबाजी करते भाकपा के पदाधिकारी।
खागा, फतेहपुर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला काउंसिल ने पूर्वांचल व दक्षिणांचल बिजली वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन कर रहे बिजली कर्मचारी संगठनों का समर्थन करते हुए अपने आंदोलन के तहत खागा में जोरदार प्रदर्शन करते हुए तीन सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम अभिनीत कुमार के माध्यम से राज्यपाल को भेजा।
ज्ञापन में बताया कि राज्य की योगी आदित्यनाथ की सरकार बेशर्मी के साथ झूठ बोलकर बिजली वितरण निगम को घाटे में चलना दिखाकर पूंजीपतियों को औने-पौने दामों में बेचना चाहती है जबकि स्थिति इसके उल्टा है क्योंकि सरकारी आलेखों के अनुसार बिजली विभाग का बिल 115000 करोड़ रुपया बड़े उपभोक्ताओं के यहां बकाया है। सबसे अधिक बिजली का बिल सरकारी प्रतिष्ठानों एवं सरकारी विभागों के ऊपर बकाया है घाटे की धनराशि केवल 110000 करोड़ रूपया है। सबसे ज्यादा देखने वाली बात यह है कि दोनों निगमो की कुल संपत्ति 88000 करोड़ रूपया है। सरकार इन्हीं संपत्तियों को केवल 8000 करोड़ व 15000 करोड रुपए में अपने नजदीकी पूंजीपतियों को बेचे जा रही है। बिजली विभाग के निजीकरण से सबसे ज्यादा प्रभावित मध्यम वर्ग के राज्य की गरीब जनता होगी जिनको बिजली उपभोग करना संभव होगा। ज्ञापन में मांग की गई कि बिजली निगमन का निजीकरण रोका जाए बिजली कर्मियों की सभी मांगे मनी जाएं, पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को औने-पौने दामों में निजी कंपनियों को न सौंपा जाए। ज्ञापन देने वालों में जिला परिषद के सचिव का0 फूलचंद पाल, सह सचिव का0 रामप्रकाश, का0 मोतीलाल एडवोकेट, सुमन सिंह चौहान, रामचंद्र, नेम सिंह एडवोकेट, रामसुमेर सिंह यादव, जगदेव, जगन्नाथ, मोतीलाल प्रजापति, गया पाल, रामकृष्ण हेगड़े, छोटेलाल, कयामुद्दीन, कृष्ण कुमार विश्वकर्मा, शिवचरण, विनोद कुमार एडवोकेट भी मौजूद रहे।

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