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बिजली संकट: राधानगर रेलवे क्रॉसिंग पर 33 केवी केबल बॉक्स फटा

– असोथर और चुरियानी पावर हाउस की आपूर्ति ठप, शाम तक बहाली की उम्मीद

फतेहपुर। जिले में आज एक बड़ी तकनीकी खराबी ने बिजली आपूर्ति को प्रभावित कर दिया। असोथर और चुरियानी 33/11 केवी पावर हाउस से जुड़े राधा नगर रेलवे क्रॉसिंग पर 33 केवी का केबल बॉक्स अचानक फट गया, जिसके चलते इलाके में बिजली सप्लाई पूरी तरह ठप हो गई। इस घटना से क्षेत्र के कई गांवों और कस्बों में अंधेरा छा गया, जिससे लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। जानकारी के अनुसार, यह हादसा सोमवार दोपहर को उस समय हुआ जब रेलवे क्रॉसिंग के पास स्थित 33 केवी केबल बॉक्स में शॉर्ट सर्किट या ओवरलोडिंग की वजह से विस्फोट हो गया। विस्फोट इतना जोरदार था कि आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही चुरियानी के जूनियर इंजीनियर (जेई) और उनकी टीम तत्काल मौके पर पहुंची और क्षतिग्रस्त लाइन व केबल बॉक्स की मरम्मत का काम शुरू कर दिया। स्थानीय निवासी रामलाल ने बताया, सुबह से बिजली गायब है। अचानक एक तेज आवाज हुई और फिर सब कुछ बंद हो गया। गर्मी के इस मौसम में बिना बिजली के हालत खराब हो रही है। वहीं, एक अन्य ग्रामीण श्याम सुंदर ने कहा, यह पहली बार नहीं हुआ है। बिजली विभाग की लापरवाही से आए दिन ऐसी समस्याएं हो रही हैं। अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। बिजली विभाग के सूत्रों के मुताबिक, 33 केवी का यह केबल बॉक्स असोथर और चुरियानी पावर हाउस से कई इलाकों में बिजली आपूर्ति का मुख्य जरिया था। इसकी खराबी से आसपास के गांवों जैसे कंधिया, गाजीपुर , नरैनी जरौली सरकंडी और अन्य क्षेत्रों में बिजली संकट पैदा हो गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पुराने और जर्जर उपकरणों के कारण ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। चुरियानी जेई ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और बताया, ष्केबल बॉक्स पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। हमारी टीम इसे बदलने और लाइन को जोड़ने का काम तेजी से कर रही है। देर शाम तक बिजली आपूर्ति बहाल करने की पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना की जांच की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके। हालांकि, ग्रामीणों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है। उनका आरोप है कि बिजली विभाग की लचर व्यवस्था और रखरखाव की कमी के चलते यह स्थिति बनी। किसान यूनियन के नेता दिनेश सिंह ने कहा, हर बार कहा जाता है कि शाम तक बिजली आ जाएगी, लेकिन कई बार रात तक इंतजार करना पड़ता है। विभाग को पहले से तैयारी करनी चाहिए थी। यह घटना उस समय हुई है जब गर्मी अपने चरम पर पहुंच रही है और बिजली की मांग बढ़ गई है। ऐसे में आपूर्ति ठप होने से किसानों को सिंचाई में दिक्कत, बच्चों को पढ़ाई में परेशानी और घरेलू कामकाज में बाधा का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय व्यापारियों ने भी शिकायत की कि बिजली के अभाव में उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है। बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करने के लिए अतिरिक्त संसाधन और कर्मचारी लगाए गए हैं। साथ ही, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुराने ढांचे को अपग्रेड करने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है। फिलहाल, मरम्मत कार्य जोरों पर है और लोगों को उम्मीद है कि शाम तक बिजली आपूर्ति बहाल हो जाएगी। लेकिन यह घटना एक बार फिर बिजली विभाग की तैयारियों और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमजोर स्थिति पर सवाल खड़े करती है। अब देखना यह है कि विभाग इस संकट से कितनी जल्दी उबर पाता है और भविष्य के लिए क्या सबक लेता है।

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