राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने भर्ती नियमों में बड़ा संशोधन किया है। पटवारी भर्ती परीक्षा के साथ ही भविष्य में होने वाली सभी भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थी कड़ा, कृपाण, पगड़ी और मंगलसूत्र पहन परीक्षा दे सकेंगे। इसके लिए अभ्यर्थियों को तीन स्तर की जांच से गुजरना होगा। ऐसे में अगर कोई अभ्यर्थी संदिग्ध मिलेगा। बोर्ड द्वारा संदिग्ध अभ्यर्थियों के इनर वियर तक खुलवाकर जांच की जाएगी। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने भास्कर को बताया- कड़ा पगड़ी और कृपाण पहनकर बच्चे भर्ती परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। लेकिन परीक्षा केंद्र में एंट्री के दौरान उनकी जांच की जाएगी। अगर किसी अभ्यर्थी ने इनमें किसी तरह की ब्लूटूथ डिवाइस या कुछ और छुपाया। उसे परीक्षा केंद्र में एंट्री नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया- महिलाएं मंगलसूत्र पहनकर भी परीक्षा केंद्र में जा सकती हैं। परीक्षा केंद्र की एंट्री पर उसकी जांच करवानी होगी। अगर जांच में कोई भी चीज संदिग्ध मिलती है। उसे पहनकर परीक्षा केंद्र में एंट्री नहीं दी जाएगी। आलोक राज ने कहा- इसके साथ ही अभ्यर्थियों के कपड़ों में लगे जिप और बटन में भी यह फैसला लागू रहेगा। अगर कोई अभ्यर्थी मेटल की कोई वस्तु पहनकर परीक्षा देने पहुंचेगा। मेटल डिटेक्टर से जांच के दौरान कपड़े खोलकर जांच करवाई जाएगी। अगर मेटल डिटेक्टर से जांच के दौरान कोई अभ्यर्थी संदिग्ध मिलेगा। पेंट औप जींस के साथ इनर वियर खुलवाकर भी जांच की जाएगी। मेटल की संदिग्ध वास्तु के साथ उन्हें एंट्री नहीं दी जाएगी। आलोक राज ने कहा- यह सामान्य प्रक्रिया है। इसे फ्लाइट में सफर करने से पहले एयरपोर्ट चेकिंग के दौरान भी किया जाता है। हम भी इस प्रक्रिया के तहत जांच करेंगे। ताकि भर्ती परीक्षाओं में किसी भी तरह की नकल या धांधली नहीं हो सके। उन्होंने कहा- भर्ती परीक्षा के लिए कपड़ों की गाइडलाइन इसलिए जारी की गई थी। ताकि छात्र बिना वक्त जाया किए एक सही माइंडसेट से परीक्षा देने पहुंचे। लेकिन अगर वह किसी तरह की मेटल की डिवाइस या कपड़े पहनकर पहुंचेंगे। उन्हें चेकिंग में सहयोग करना पड़ेगा। इसलिए मेरा सभी अभ्यर्थियों को सुझाव है कि वह किसी भी तरह के मेटल के गहने या कपड़े पहनकर परीक्षा देने नहीं पहुंचे।
