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“RJD-कांग्रेस में सुलह का फार्मूला तैयार! लालू-तेजस्वी संग गहलोत की मुलाकात के बाद कल संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस”

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में बिगड़ी बातअब बनती नजर आ रही है. आज दिग्गज कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने लालू यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की. जहां तमाम गिले शिकवे दूर कर लिए हैं. बातचीत का नतीजा बेहद सकारात्मक रहे हैं. माना जा रहा है कि दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग और सीएम फेस पर सहमति बन गई है.

गहलोत ने लालू परिवार से भेंट की: बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस के पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने आज पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास जाकर लालू परिवार से मुलाकात की. बातचीत के दौरान आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी मौजूद थे.

क्या बोले अशोक गहलोत?: करीब एक घंटे तक लालू यादव और तेजस्वी यादव से अशोक गहलोत की बातचीत चली. बाहर निकलकर उन्होंने कहा कि सब ठीक हो जाएगा. वहीं कई सीटों पर दोस्ताना संघर्ष के सवाल पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो भी कोई चिंता की बात नहीं है, वैसे कल सभी तरह के सवालों का जवाब मिल जाएगा. “कल प्रेस कॉन्फ्रेंस है, सारा भ्रम दूर हो जाएगा। महागठबंधन एकजुट होकर मैदान में उतर रहा है. 243 सीटों में से 5-10 सीटों पर लोकल मुद्दे भी होते हैं वहां फ्रेंडली फाइट हो सकती है. कोई दिक्कत नहीं है.”-

लालू-तेजस्वी से क्या बात हुई?: वहीं, बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व से हमारी बातचीत अच्छी रही. उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में बेहतर तालमेल और चुनावी प्रचार को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा हुई है. गुरुवार को गठबंधन की संयुक्त प्रेस वार्ता में इस बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी.

“हमने आगे की रणनीतियों और सरकार बनने के बाद राज्य के लोगों के लिए कैसे काम कर सकते हैं, इस पर चर्चा की. कल हर विवरण दिया जाएगा. एनडीए को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने पिछले 5 वर्षों में क्या किया है.”- 

क्यों है महागठबंधन में पेंच?: असल में 10 सीटों पर महागठबंधन के घटक दलों में बात नहीं बन पा रही है. जिस वजह से एक-दूसरे के खिलाफ ही उम्मीदवार खड़ा कर दिया है. इनमें ज्यादा समस्या आरेजडी और कांग्रेस में है. वहीं तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट घोषित से कांग्रेस बच रही है, जिसका दोनों दलों के संबंधों पर बुरा असर पड़ता नजर आ रहा है. तेजस्वी अभी तक चुनाव प्रचार के लिए भी नहीं निकले हैं, जिसका गलत संदेश भी जा रहा है.

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