प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुजरात के भावनगर पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया और 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसके बाद पीएम मोदी एक जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, ये कार्यक्रम तो भावनगर में हो रहा है, लेकिन ये कार्यक्रम पूरे हिंदुस्तान का है। पूरे भारत में समुद्र से समृद्धि से जाने की ओर हमारी दिशा क्या है, उसके लिए आज इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का केंद्र भावनगर को चुना गया है। गुजरात और भावनगर के लोगों को बहुत बहुत बधाई। 17 सितंबर को आप सबने अपने नरेन्द्र भाई को जो शुभकामनाएं भेजी हैं, देश और दुनिया से जो मुझे शुभकामनाएं मिली हैं… व्यक्तिगत तौर पर सबका धन्यवाद करना संभव नहीं है, लेकिन भारत के कोने-कोने से, विश्वभर से ये जो प्यार मिला है, आशीर्वाद मिले हैं। ये मेरी बहुत बड़ी संपत्ति है, ये मेरी बहुत बड़ी ताकत है। इसलिए मैं आज सार्वजनिक रूप से देश और दुनिया के सभी महानुभावों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

“‘चिप’ से ‘शिप’ तक अब भारत आत्मनिर्भर: PM मोदी का संदेश — बाहरी निर्भरता है असली दुश्मन”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 2047 तक हमें विकसित होना है तो भारत को आत्मनिर्भर होना ही होगा… इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। 140 करोड़ देशवासियों का एक ही संकल्प होना चाहिए- चिप हो या शिप… हमें भारत में ही बनाने होंगे। इसी सोच के साथ आज भारत समुद्री क्षेत्र भी नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म करने जा रहा है। इसी सोच के साथ वन नेशन, वन डॉक्यूमेंट और वन नेशन, वन पोर्ट प्रोसेस लागू किया जाना है। भारत को सबसे बड़ी समुद्री शक्ति बनाने के लिए तीन बड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है और आने वाले वर्षों में इस पर 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। देश के समुद्री क्षेत्र को मजबूती देने के लिए एक बहुत ऐतिहासिक निर्णय हुआ है… अब सरकार ने बड़े जहाजों को इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में मान्यता दे दी है।