तालाब के भीटे मे अवैध कब्जा , दिन में पुलिस रोक जाती है रात मे उठाई जाती हैं दीवार, आखिर कौन है जिम्मेदार

 

बांदा। उत्तर प्रदेश के जनपद बाँदा तहसील अत्तर्रा अंतर्गत ग्राम महुआ के “उदनी तालाब” से मामला प्रकाश में आया है रामकृष्ण अवस्थी पुत्र गोविंद प्रसाद अवस्थी स्थानीय निवासी के मकान के पश्चिमी दिशा में तालाब व तालाब के भीटे. रास्ते का रिक्त स्थान मौजूद है. इस स्थान से आवागमन का रास्ता तथा अन्य रिक्त स्थान का उपयोग कजलियों के त्यौहार आदि पर किया जाता है। रामकृष्ण अवस्थी के मकान के पश्चिमी दीवार तरफ पश्चिम दिशा की ओर अर्से से दरवाजा स्थित हैं। स्थानीय निवासी उमाशंकर पाण्डेय पुत्र चुन्नीलाल पाण्डेय दरवाजे के सामने ईंटों का चट्टा लगाकर रामकृष्ण अवस्थी के सुखाधिकार का हनन कर रहा है।और मकान के पश्चिमी छत पर बरसाती पानी के निकास हेतु दो पाइप लगे थे एक पाइप छत के दक्षिण दिशा की ओर और एक पाइप छत के उत्तरी शिरा की ओर स्थित थे।जिनका पानी पश्चिम दिशा की ओर गिरता था। रामकृष्ण अवस्थी के मकान के पश्चिमी दिशा की दीवार तरफ. उत्तर से दक्षिण दिशा की एक मीटर चौडी सरकारी नाली बनी थी।जिसे ग्राम पंचायत महुआ के पूर्व प्रधानो द्वारा बनवाया गया था। माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा समस्त तालाब के पट्टे .कब्जा आदि को निरस्त कर कब्जा मुक्त हेतु सख्त कार्यवाही हेतु कहा गया है। इसके बावजूद स्थानीय उमाशंकर पाण्डेय उपरोक्त तालाब के क्षेत्र को वल्देव आदि के नाम नीलामी बताकर रामकृष्ण अवस्थी के मकान की पश्चिमी दीवार के बाद एक मीटर चौडी सरकारी नाली को मिट्टी भरकर उसकी पहचान नष्ट करते हुए।तालाब के भीटे मे उत्तर दिशा की ओर अवैध कमरों का निर्माण करा रहा है।इस कमरे की पूर्वी दीवार नाली दबाकर बनाई जा रही है और अवस्थी जी के बरसाती जल निकास पाइप को तोडकर दीवार खडी कर दिया है।। जिससे अवस्थी जी का मकान बरसात में कभी भी ध्वस्त हो सकता है।यदि सरकारी नाली छोडकर यह दीवार बनाई जाती तो पाइप तोडने के इन्हें जरूरत न पडती।इतना ही नहीं अधिक से अधिक तालाब के भीटे की जमीन कब्जा करने के नियत से उमाशंकर पाण्डेय ने कमरों की दक्षिण दिशा की दीवार को दक्षिण दिशा की ओर बढाकर तालाब के भीटे का सर्वाधिक क्षेत्रफल कब्जा कर लिया है।
कमरों को ध्वस्त कराया जाए या प्रशासन अपने कब्जे में ले ले।सरकारी नाली के क्षेत्र को भी कब्जा मुक्त कराया जाए ताकि अवस्थी जी के छत का बरसाती पानी नाली मे गिर सके।अवस्थी जी के दरवाजे के सामने लगी ईंटों को हटाकर अवस्थी जी के सुखाधिकार हनन को बहाल किया जाय।

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