इस साल केदारनाथ यात्रा से उत्तराखंड को ₹400 करोड़ से ज्यादा का फायदा हुआ है। इस साल करीब 17 लाख 68 हजार 795 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। इस दौरान लोगों ने घोड़े- खच्चर, हेली, डंडी- कंडी सहित होटल एवं रेस्तरां पर जमकर खर्चा किया। जिला प्रशासन और बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अनुसार इस साल घोड़ा-खच्चरों के संचालन से 91 करोड़ 36 लाख रुपए मिले है। इसके अलावा रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन को 4 करोड़ 71 लाख रुपए से ज्यादा का राजस्व मिला है।

हेली सेवाओं ने किया 70 करोड़ रुपयों का कारोबार: हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे के अनुसार, इस साल नौ स्थानों से आठ हेली कंपनियों ने सेवाएं दीं। हेली उड़ानों की संख्या 12.490 रही, जिनसे 71.291 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। इनसे 70 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। eUttaranchal के अनुसार, एक बार राउंड टीम का औसतन किराया 1 लाख 20 हजार रुपए था। परिवहन अधिकारी कुलवंत सिंह चौहान ने बताया कि परिवहन विभाग ने शटल सेक के लिए 250 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन किया था। प्रति व्यक्ति 100 रुपए आने-जाने का किराया निर्धारित किया था। 80 प्रतिशत यात्री शटल वाहनों से गौरीकुंड पहुंचे, जिससे 14 करोड़ का कारोबार हुआ।
होटल्स का हुआ 100 करोड़ से ज्यादा का मुनाफा: केदारनाथ होटल एसोसिएशन के सचिव मनोज सेमवाल के अनुसार, इस बार कारोबार थोड़ा मंदा रहा और करबी 100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ। इस बार केदारनाथ में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए होटल एवं रेस्तरां थोड़े सस्ते थे। Justdial के अनुसार, केदारनाथ में होटल 500 रुपए से 7000 रुपए तक मिले। इस साल यात्रा के दौरान बाबा केदार के दर्शन को साढ़े 17 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे। यदि प्रति व्यक्ति आवास और भोजन पर औसतन दो हजार रुपए भी खर्च माना जाए तो भी ये कई गुना ज्यादा होता है।
चाय, ढाबे और स्टॉल से हुई 5 करोड़ की कमाई: इस बार 14 लाख श्रद्धालुओं ने पैदल यात्रा की। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग जगह रुककर चाय और नाश्ता किया, जिससे स्थानीय लोगों और कारोबारियों को करीब 5 करोड़ रुपए की कमाई हुई।
घोड़ा-खच्चरों से हुई 91 करोड़ 36 लाख रुपए की कमाई: केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान घोड़ा-खच्चरों के संचालन से इस बार 91 करोड़ 36 लाख रुपए से ज्यादा का कारोबार दर्ज किया गया है। इस बार केदारनाथ में 14 लाख श्रद्धालु 21 KM पैदल चलकर पहुंचे। कुल 175 दिनों तक चली इस यात्रा के दौरान 7,855 घोड़ा-खच्चरों का रजिट्रेस्शन किया गया। इन पशुओं ने सोनप्रयाग, गौरीकुंड से केदारनाथ तक 3,14,648 यात्रियों को पहुंचाने और वापस लाने का काम किया। इस बार घोड़ा-खच्चर से 3 लाख 14 हजार, डंडी से 34 हजार 677, कंडी से 31 हजार 463 लोग पहुंचे।
उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम को 5 करोड़ रुपए मिले: उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम (UTDB) के क्षेत्रिय प्रबंधक जीएस रावत ने बताया कि इस बार यात्रा से 5 करोड़ रुपए की कमाई हुई। यूटीडीबी ने इस बार पंजीकरण की व्यवस्था, आवास और भोजन की व्यवस्था, यात्रा मार्गों का रखरखाव और डिजिटल प्रबंधन का काम किया और इसी के जरिए उसकी कमाई हुई।
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