लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर लेह में बुधवार (24 सितंबर) को हिंसक प्रदर्शन हुआ. भीड़ ने पुलिस की गाड़ियों और बीजेपी दफ्तर में आग लगा दी. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक पूर्ण राज्य नहीं मिलेगा, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने हिंसा के बाद अनशन खत्म कर दिया. वो 15 दिनों से अनशन पर थे. उन्होंने हिंसक प्रदर्शन पर दुख जताया और शांति की अपील की. सोनम वांगचुक ने कहा कि हिंसा हमारे लक्ष्य में रुकावट है. इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने वीडियो शेयर करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि भारत सरकार ईमानदारी और गंभीरता से यह आकलन करे कि 2019 के बाद से वास्तव में क्या बदला है?
लोगों का सब्र टूट चुका है- महबूबा मुफ्ती
उन्होंने कहा, ”यह वीडियो कश्मीर घाटी का नहीं है, जिसे हमेशा अशांति का केंद्र माना जाता रहा है, बल्कि लद्दाख का है. यहां गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों और बीजेपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया.” महबूबा मुफ्ती ने कहा, ”लेह, जो अब तक शांतिपूर्ण और संयमित आंदोलनों के लिए जाना जाता था, अब हिंसक प्रदर्शनों की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है. लोगों का सब्र टूट चुका है. वे खुद को ठगा हुआ, असुरक्षित और अधूरे वादों से निराश महसूस कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, ”यह बेहद जरूरी है कि सरकार रोज-रोज की संकट प्रबंधन की राजनीति से आगे बढ़कर इस असंतोष की जड़ तक पहुंचे और उसे तत्काल तथा पारदर्शी तरीके से दूर करे.” बता दें कि 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया. इसके बाद से समय-समय पर दोनों ही राज्यों में पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग उठती रही है. बुधवार (24 सितंबर) को ही जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर में धारणा बन रही है कि राज्य का दर्जा बहाल नहीं होगा क्योंकि बीजेपी हार गई.