– चने व शर्बत का प्रसाद किया वितरित
– गुरूद्वारे के बाहर चने व शर्बत का वितरण करते सिक्ख समुदाय के लोग।
फतेहपुर। सिक्ख समुदाय के पांचवे गुरू, गुरू अर्जन देव जी का शहीदी दिवस गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा में मनाया गया। गुरू ग्रन्थ साहिब के साप्ताहिक पाठ के बाद शुक्रवार को चने व शर्बत का प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सिक्ख समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। ज्ञानी सिमरजीत सिंह ने बताया कि सिक्ख धर्म के पांचवें गुरु, गुरु अर्जुन देव जी को मुगल सम्राट जहांगीर के शासनकाल में वर्ष 1606 में शहीद कर दिया गया था। वर्ष 1605 में जब मुगल बादशाह अकबर की मृत्यु हुई तो जहांगीर ने राजगद्दी संभाली। उनके साम्राज्य संभालते ही गुरु अर्जुन देव के विरोधी सक्रिय हो गए और वे जहांगीर को उनके खिलाफ भड़काने लगे। इसी दौरान शहजादा खुसरो ने अपने पौत्र जहांगीर के खिलाफ बगावत कर दी और गुरु जी के पास शरण ले ली। इस बात की जानकारी जब जहांगीर को हुई तो उसने अर्जुन देव को बंदी बना लिया। जहांगीर ने गुरु जी पर बगावत का आरोप लगाया। उन्हें भयानक यातनाएं दी गईं। जहांगीर ने क्रूरता की हदें पार करते हुए, गुरु जी के मूर्च्छित शरीर को रावी नदी में बहा देने का आदेश दिया। गुरु अर्जुन देव जी शहीदी दिवस को सिख समुदाय में प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत माना जाता है। ज्ञानी जी ने बताया कि उन्होने अपना पूरा जीवन मानव सेवा को समर्पित किया। वर्ष 1606 में अपनी शहादत से इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय रच दिया था। गुरु अर्जुन देव जी की शहादत को ही गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। शहीदी दिवस की तैयारी चालीस दिन के सुखमनी साहिब के पाठ से हुई जिसमें महिलाओ ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसके उपरांत गुरु ग्रंथ साहिब का साप्ताहिक पाठ तेईस मई को आरम्भ हुआ जिसकी समाप्ति आज हुई। समाप्ति के उपरांत कीर्तन व गुरु अर्जन देव जी की शहीदी के बारे में गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी ने बताया। इसके उपरांत चने और शर्बत (ठंडी छबील) का प्रसाद बाटा गया। कार्यक्रम शाम चार बजे तक चला। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सेकेट्री परमजीत सिंह के अगुवाई में मनाया गया। इस मौके पर नरिंदर सिंह रिक्की, सरदार संतोष सिंह, जतिंदर पाल सिंह, जसवीर सिंह, परविंदर सिंह, उप प्रधान नरेंद्र सिंह, गुरमीत सिंह उमंग, कोषाध्यक्ष सुरिंदर सिंह, वरिंदर सिंह पवि, सरनपाल सिंह शनि, जगमीत सिंह, हरमिंदर सिंह, अर्शित, वरिंदर सिंह, मंजीत सिंह व महिलाओं में हरजीत कौर, हरविंदर कौर, मंजीत कौर, हरमीत कौर, प्रभजीत कौर, जसप्रीत कौर, खुशी, सिमरन, वरिंदर कौर, वीर सिंह, मानस, एकज्योत आदि भक्त जन उपस्थित रहे।
