जयपुर नगर निगम हेरिटेज जहां मानसून और बारिश के मौसम में जर्जर हो चुकी इमारत को सील कर तोड़ रहा है। लेकिन नगर निगम मुख्यालय के हालात बद से बदतर स्थिति में आ चुके हैं। सोमवार को नगर निगम मुख्यालय में कमिश्नर निधि पटेल के कमरे के बाहर जर्जर हो चुकी छत टूटकर गिर गई। इस दौरान वहां मौजूद तीन होमगार्ड और ठेकेदारों ने हग कर अपनी जान बचाई। दरअसल, आम दिनों की तरह नगर निगम मुख्यालय में कमिश्नर निधि पटेल ऑफिस के बाहर तीन गार्ड बैठे हुए थे। लेकिन दोपहर 3 बजकर 36 मिनट पर अचानक निगम कमिश्नर के ऑफिस के बाहर छत का प्लास्टर गिर गया। जिसके बाद वहां मौजूद तीन गार्ड और कुछ फरियादियों ने भागकर अपनी जान बचाई। गनीमत रही कि इस पूरे घटनाक्रम में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। लेकिन अचानक हुए इस हादसे ने नगर निगम प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी है। नगर निगम हेरिटेज कमिश्नर निधि पटेल से मिलने पहुंचे एस सी सांखला ने कहा कि हम कमिश्नर से मुलाकात का इंतजार कर रहे थे। तभी अचानक छत से प्लास्टर गिरने लगा, जो कुछ ही देर में लगभग 10 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ाई में जर्जर होकर नीचे गिर गया। इस दौरान मैं और गार्ड्स तो इस हादसे में मरते – मरते ही बचे है। यह बहुत बड़ी दुर्घटना है। कमिश्नर महोदया को भी इस तरह के जर्जर ऑफिस में न खुद बैठना चाहिया न ही अधिकारियों और कर्मचारियों को जान जोखिम में डाल इस तरह की जगह पर बिठाना चाहिए। इस जर्जर हो चुके भवन को अब मेंटेनेंस की बहुत ज्यादा जरूरत है।कांग्रेसी पार्षद दशरथ सिंह शेखावत ने कहा कि नगर निगम के हालात पूरी तरह से बिगड़ चुके हैं। यहां पर पोपा बाई के राज में जर्जर इमारत आम जनता और निगम कर्मचारियों पर गिर रही है। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पिछले दिनों में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठ चुका हूं। तब डिप्टी मेयर के ऑफिस की फ़ॉल सिलिंग गिरी थी। लेकिन अब तक नगर निगम मुख्यालय का रिनोवेशन शुरू नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से यहां पर काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के साथ ही हर दिन सैकड़ों की संख्या में आने वाली जनता की जान जोखिम में है। ऐसे में सरकार से अपील करता हूं कि जल्द से जल्द इस पूरे मामले पर संज्ञान ले और बदहाल स्थिति में पहुंच चुके मुख्यालय की हालत को सुधारे। क्योंकि मेयर यहां कोई काम नहीं कर रही है, न ही पार्षदों की सुनवाई कर रही है।
