-एक बाइक पर 4 सवारी देख रोक कर दी हिदायत
बांदा। यह सड़क सुरक्षा के प्रति एक सराहनीय कदम है। युवाओं द्वारा बाइकों पर तीन-चार लोगों को बिठाकर तेज रफ्तार से चलना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि उनकी और दूसरों की जिंदगी के लिए भी खतरा है। शंकर जी का उन्हें रोककर समझाना और संयमित ड्राइविंग की सलाह देना एक जिम्मेदार अधिकारी की भूमिका को दर्शाता है।उनकी हेलमेट के प्रयोग और ड्राइविंग लाइसेंस की अनिवार्यता पर जोर देने वाली अपील भी बेहद महत्वपूर्ण है। परिजनों को जागरूक करना इस दिशा में और प्रभावी हो सकता है, क्योंकि माता-पिता का बच्चों पर सीधा प्रभाव होता है। यह अभियान न सिर्फ नियमों का पालन करवाने के लिए है, बल्कि युवाओं के जीवन को सुरक्षित करने का भी एक प्रयास है। ऐसे कदमों से सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में निश्चित रूप से मदद मिल सकती है। हम सभी का उत्तरदायित्व की सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा के पथ पर चल कर अपने साथ-साथ दूसरों का भी जीवन सुरक्षित करें।