दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (17 सितंबर) पर इस वर्ष पूरे देश में बड़े उत्साह और सम्मान के साथ विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह उनका 75वां जन्मदिन था, जिसे सेवा, संस्कार और समर्पण के प्रतीक के रूप में मनाया गया। भारत के विभिन्न हिस्सों में रंगोली बनाई गई, गंगा आरती की गई, स्कूलों और कॉलेजों में विशेष आयोजन हुए और भाजपा द्वारा “सेवा पखवाड़ा” की शुरुआत की गई, जिसमें स्वच्छता अभियान, रक्तदान शिविर और वृक्षारोपण जैसे कार्य शामिल रहे। दिल्ली में विकास की दृष्टि से 15 नई परियोजनाओं का उद्घाटन भी इसी दिन किया गया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उन्हें ऐतिहासिक ‘वराह मूर्ति’ भेंट की और आदिवासी संस्कृति से जुड़ी चीजें भी भेंट स्वरूप दीं। एक स्वास्थ्यकर्मी ने उन्हें एक सुंदर चित्र भी भेंट किया जो मीडिया में चर्चा में रहा।
मोदी जी को देश ही नहीं, विदेशों से भी शुभकामनाएँ मिलीं इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने उन्हें “प्रेरणा का स्रोत” कहा। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उन्हें फोन कर जन्मदिन की बधाई दी। इसके अलावा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, ऑस्ट्रेलिया के एंथनी अल्बेनीज़, इजराइल के बेंजामिन नेतन्याहू तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स जैसे वैश्विक नेताओं और हस्तियों ने भी उन्हें शुभकामनाएँ दीं। इन बधाइयों से प्रभावित होकर पीएम मोदी ने कहा कि वे महसूस कर रहे हैं और यह उनके लिए जनसेवा के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वाडनगर में हुआ था। एक साधारण चाय बेचने वाले परिवार से निकलकर उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में एक ऊँचा मुकाम हासिल किया। शुरू में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े, फिर भाजपा में शामिल होकर गुजरात के मुख्यमंत्री बने और 2014 से अब तक भारत के प्रधानमंत्री हैं। उनके नेतृत्व में स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया जैसे कई राष्ट्रीय स्तर के अभियान शुरू हुए हैं। उनका जीवन प्रेरणा है कि कठिन परिश्रम, समर्पण और दूरदृष्टि से कोई भी व्यक्ति देश को दिशा दे सकता है प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन सिर्फ एक व्यक्तिगत आयोजन नहीं होता, बल्कि यह दिन सेवा, विकास और प्रेरणा का प्रतीक बन चुका है। लोग इस अवसर को एक नई ऊर्जा, नई पहल और समाजसेवा के रूप में मानते हैं। यही मोदी जी की सबसे बड़ी पहचान है जनसेवक और विकासपुरुष।