गाजा में इजराइल-हमास जंग को शुरू हुए 22 महीने हो चुके हैं। अब तक इस लड़ाई की वजह से 124 लोग भूख से मारे गए हैं, जिनमें से 81 बच्चे हैं। जुलाई महीने में ही भूख से 40 लोगों की मौत हुई, जिनमें 16 बच्चे हैं। गाजा में रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों ने बताया कि वहां 50 ग्राम के बिस्किट के पैकेट की कीमत 750 रुपए है। नकद पैसे निकालने के लिए 45% तक कमीशन देना पड़ता है। हालात इतने खराब हैं कि लोग नमक खाकर और पानी पीकर काम चला रहे हैं। एक पत्रकार ने बताया कि 21 महीने में मेरा वजन 30 किलो घट गया है। थकान बनी रहती है और चक्कर आते रहते हैं। दक्षिणी गाजा के सबसे बड़े नासिर अस्पताल में काम करने वाले एक हेल्थ अधिकारी का कहना है कि गाजा में सभी भुखमरी के संकट से जूझ रहे हैं। कुपोषण से मरने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि गाजा में जब युद्ध शुरू हुआ तो अस्पताल से सबसे ज्यादा संख्या हवाई हमलों में घायल होने वाले लोगों की होती थी, लेकिन अब उनकी जगह कुपोषण के शिकार बच्चों ने ले ली है।
वहीं गाजा में एक तिहाई आबादी को कई दिनों में एक बार भोजन नसीब हो रहा है। इजराइली सेना ने पुष्टि की कि उन्होंने गाजा में एयर रूट से मदद भेजना शुरू कर दिया है। इससे पहले एक इजराइली सुरक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को बताया था कि गाजा में भुखमरी के संकट पर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बीच इजराइल विदेशी देशों को गाजा में एयर रूट से मदद भेजने की इजाजत देगा। अमेरिका में इजराइल के राजदूत येचील लेइटर ने शनिवार को बताया कि इजराइली सेना रविवार से गाजा के लिए ‘ह्यूमेटेरियन कॉरिडोर’खोलेगी। इनका मकसद गाजा की आबादी के लिए मानवीय सहायता बढ़ाना है। गाजा में भुखमरी को देखते हुए ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने एक संयुक्त बयान जारी किया है। उन्होंने कहा- ‘बंधकों की रिहाई से पहले तत्काल युद्धविराम करना चाहिए। गाजा के नागरिकों को बिना किसी देरी के भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
इजराइल को अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता कानून के तहत अपने दायित्वों को निभाना चाहिए।’ वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि हमास शांति नहीं चाहता, बल्कि ‘मरना चाहता है।’ उन्होंने इजराइल से गाजा में ‘मकसद पूरा करने’ और सैन्य अभियान तेज करने को कहा है। ट्रम्प ने कहा, ‘अब वक्त आ गया है कि इजराइल हमास का सफाया करे। उन्हें इसे साफ करना होगा।’ यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका मध्यस्थता से अलग हो गया है। गाजा के सरकारी मीडिया ऑफिस (GMO) ने पिछले महीने इजराइली आर्मी पर फिलिस्तीनियों को ड्रग्स देने का आरोप लगाया था। GMO का कहना था कि गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) ने फिलिस्तीनी लोगों को जो आटे की बोरियां दी हैं, उनमें ऑक्सीकोडोन नाम की नशीली गोलियां मिली हैं।
GHF को इजराइली सेना चलाती है और इसे अमेरिका से सपोर्ट मिलाता है। GMO ने कहा था कि यह लोगों को नशे की लत लगाने की साजिश है। इजराइल नशीली दवाओं को हथियार के तौर में इस्तेमाल कर रहा है। गाजा के मीडिया कार्यालय (GMO) ने इजराइल पर आरोप लगाया कि वह गाजा पट्टी से फिलिस्तीनी आबादी खाली करने की साजिश रच रहा है। ऑफिस ने कहा कि इजराइली सेना जबरन बेदखली, बमबारी और सहायता रोककर गाजा को तबाह कर रही है। यह नरसंहार और नस्लीय सफाई है। GMO ने दावा किया था कि गाजा का 70% से ज्यादा बिल्डिंग्स तबाह हो चुकी हैं और 19 लाख लोग (85% आबादी) अपने घरों से बेघर हो गए हैं।