दिल्ली के पॉश इलाके वसंत कुंज में स्थित आश्रम के निदेशक और शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के प्रमुख चैतन्यानंद सरस्वती के छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने का मामला सामने आने के बाद से ही चारों तरफ सनसनी फैल गई है। इसकी जांच शुरु होने के बाद से ही इससे जुड़े नए नए राज सामने आ रहे है। एक पीड़िता ने हाल ही अपनी आपबीती बता इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे किए है। छात्रा ने बताया कि चैतन्यानंद उसे और अन्य छात्राओं को अश्लील मैसेज भेजता था और कॉलेज प्रशासन से जुड़ी तीन महिलाएं इस पूरे कांड में उसका साथ देती थी। आइए जानते है कि कैसे दो ईमेल के जरिए यह मामाल खुला और कौन है चैतन्यानंद की लेडी गैंग जिसने इन कामों में उसका साथ दिया।
दो ईमेल ने सालों पूराने राज खोले
इंस्टीट्यूट से पढ़ाई कर चुकी एक छात्रा ने 28 जुलाई को संस्था को एक पत्र भेज कर चैतन्यानंद के कुकर्मों का खुलासा किया था। यह पत्र 31 जुलाई को विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ था और उसके बाद 1 अगस्त को भारतीय वायु सेना के एक ग्रुप कैप्टन ने भी इंस्टीट्यूट को ईमेल भेजा और छात्राओं के शोषण की बात कही। ग्रुप कैप्टन ने कहा कि उन्हें चैतन्यानंद के देर रात में कई छात्राओं को व्हाट्सएप संदेश भेजने और उन पर दबाव बनाने से जुड़ी जानकारी मिली है। यह दोनों ईमेल इस पूरे मामले को उजागर करने में सबसे अधिक निर्णायक साबित हुए।
17 छात्राओं ने चैतन्यानंद के खिलाफ की शिकायत
यह दोनों ईमेल मिलने के बाद इंस्टीट्यूट की गवर्निंग काउंसिल सक्रिय हुई और उन्होंने 3 अगस्त को इस मामले में 30 से ज़्यादा महिला छात्राओं के साथ एक ऑनलाइन बैठक की। इसके बाद पुलिस में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई गई। इस 32 छात्रा-छात्राओं के बयान दर्ज किए गए जिनमें से कम से कम 17 छात्राओं ने स्वामी चैतन्यानंद पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने, अश्लील संदेश भेजने और जबरन शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया। इन पीड़िताओं में ज्यादातर वह छात्राएं थी जो EWS (आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग) श्रेणी की थी और अन्य सशस्त्र बलों के अधिकारियों की बेटियां थी।
FIR में इंस्टीट्यूट की तीन महिला कर्मचारियों के भी नाम
आर्थिक और पारिवारिक स्थिती के चलते यह छात्राएं चैतन्यानंद की गलत मांगे मानने को मजबूर थी। साथ ही छात्राओं ने खुलासा किया कि आरोपी और उसके साथियों ने पीड़िता छात्राओं के असली शैक्षणिक प्रमाण पत्र अपने पास जमा कर लिए थे जिससे उनके भविष्य पर खतरा पैदा हो गया था। इस डर के चलते भी छात्राओं ने अपना मुह बंद रखा। एफआईआर में इंस्टीट्यूट की तीन महिला कर्मचारियों के नाम भी शामिल थे, इन तीन महिलाओं में से एक महिला संस्थान की एसोसिएट डीन थीं। इन तीनों पर छात्राओं को चैतन्यानंद की इच्छाएं मानने के लिए मजबूर करने और छात्राओं की शिकायत को नज़रअंदाज़ करने का आरोप है। इनका विरोध करने वाली छात्राओं को फेल करने और स्कॉलरशिप रोकने की धमकी दी जाती थी।
21 साल की छात्रा को बोला, मैं तुमसे प्यार करता हूं
एक 21 साल की पीड़िता छात्रा ने अपनी आपबीती सुनाते हुए इस पूरे मामले का खुलासा किया। उसने बताया कि वह पिछले साल चैतन्यानांदा से मिली थी। उसकी क्लास जहां होती थी उसी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर चैतन्यानांदा का ऑफिस था। पीड़िता ने कहा, मेरी पहली मुलाकात में, उन्होंने मुझे अजीब तरीके से देखा और मेरा हौसला भी तोड़ा। इसके बाद चैतन्यानांदा उसे मैसेज करने लगा। पीड़िता ने बताया चैतन्यानांदा ने उसे अजीब-अजीब समय पर अश्लील मैसेज भेजना शुरू कर दिए। उसने छात्रा को बेबी, मैं तुमसे प्यार करता हूं, मैं तुम्हे पसंद करता हूं और तुम आज बहुत सुंदर लग रही हो, जैसे मैसेज भेजे।
छात्राओं को ऋषिकेश लेकर गया चैतन्यानांदा
इस बारे में जब पीड़िता ने संस्था के एसोसिएट डीन को बताया तो उन्होंने उसे चैतन्यानांदा को जवाब देने के लिए मजबूर किया। पीड़िता ने यह भी बताया कि, विरोध करने और चैतन्यानांदा की बात नहीं मानने पर उसे हाज़िरी में हेरफेर करने का नोटिस भेजा गया। इसके अलावा, उसके परीक्षा पत्रों से जानबूझकर नंबर काटे गए। पीड़िता ने बताया कि एक बार उसे कुछ साथी लड़कियों के साथ संस्था की तरफ से ऋषिकेश ले जाया गया था। वहां से आते हुए चैतन्यानांदा पीड़िता और अन्य छात्राओं पर अशोभनीय टिप्पणियां कर रहा था। मामले की शिकायत करने पर टीचर्स ने पीड़िता को चैतन्यानांदा के साथ हुई चैट डीलीट करने को मजबूर किया।
फिलहाल फरार चल रहा है चैतन्यानंद
चैतन्यानंद पर मामला दर्ज होने पर उसने एंटीसिपेटरी बेल के लिए आवेदन किया था, लेकिन पुलिस के मजबूत जवाब दाखिल करने पर उसने अर्जी वापस ले ली। साथ ही कर्नाटक के श्रींगेरी स्थित शंकराचार्य पीठ से जुड़े जिस दिल्ली के आश्रम में चैतन्यानंद निदेशक था उसने भी अब उसे पद से हटा दिया है। मामला दर्ज होने के बाद से ही चैतन्यानंद फरार चल रहा है और उसे पकड़ने के लिए निगरानी बढ़ा दी गई है। उसे आखिरी बार आगरा में देखा गया था, लेकिन पुलिस से बचने के लिए वह बार बार लोकेशन बदल रहा है। आध्यात्मिक गुरु का भेष बना कर अपनी हैवानियत को पूरे करने वाले चैतन्यानंद के इन कर्मों का सामने आना न सिर्फ कानूनी रूप से गलत है बल्कि सामाजिक पहलू से भी शर्मनाक है।