दक्षिण दिल्ली के एक निजी कॉलेज की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न का मामले में पीड़िता ने अपना बयान दर्ज करवा दिया है. उसने बताया कि चार लोग थे. चारों आरोपियों ने मेरे कपड़े फाड़े, मुझे टच किया और गैंग रेप करने की कोशिश की. यूनिवर्सिटी में कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है जहां पर वारदात को अंजाम देने की कोशिश हुई. अभी पीड़ित लड़की की काउंसलिंग भी की जा रही है. इस बीच कॉलेज प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए आंतरिक कमिटी बनाई, जो 10 दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट देगी.
पुलिस ने एफआईआर में गैंग रेप की कोशिश की धाराएं भी जोड़ दी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक यूनिवर्सिटी में लगभग सभी जगहों पर CCTV कैमरे लगे हैं. छात्रा ने जो बयान दिया उस आधार पर सभी जगहों के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं. जल्द मामले का खुलासा किया जाएगा.
कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को कॉल नहीं किया
दरअसल, दक्षिण दिल्ली के एक निजी विश्वविद्यालय की एक छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद कैंपस के छात्रों ने सोमवार को नाराजगी जताई और कैंपस में प्रदर्शन भी किया. छात्रों का आरोप है कि रविवार को कॉलेज की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद भी कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को कॉल नहीं किया. पीड़ित छात्रा रविवार को अचानक लापता हो गई और उसके बाद विश्वविद्यालय के सभागार के पास मिली.
मैदानगढ़ी पुलिस थाने में एक पीसीआर कॉल आई
दिल्ली पुलिस के अनुसार सोमवार दोपहर लगभग 3 बजे मैदानगढ़ी पुलिस थाने में एक पीसीआर कॉल आई, जिसमें बताया गया कि छतरपुर इलाके में स्थित साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में एक छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न हुआ है. कॉल छात्रा के किसी जानने वाले ने की थी. जिसके बाद पुलिस सूचना पर कॉलेज पहुंची. बताया गया कि घटना रविवार को हुई थी, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई. इसलिए कैम्पस के छात्रों ने नाराजगी जताई थी.
प्रो. संजय चतुर्वेदी, 10 दिनों में रिपोर्ट देने को कहा
सूत्रों ने बताया कि उसे मेडिकल जांच के लिए पास के एक अस्पताल ले जाया गया. सोमवार को इस घटना की जानकारी मिलने के बाद परिसर में छात्र प्रशासनिक भवन में जमा हो गए और कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन घटना पर लापरवाही बरत रहा है पुलिस को कॉल करने में देरी की गई. जिसके बाद में विश्वविद्यालय ने एक बयान जारी कर पुष्टि की कि मामले की जांच के लिए एक आंतरिक जांच समिति गठित की गई है. प्रो. संजय चतुर्वेदी की अध्यक्षता वाली समिति को 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि छात्रा के बयान और मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.