उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में तीन दिन पहले जोमैटो डिलीवरी बॉय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उसके सिर में दो गोली मारी गई थी. मृतक का नाम धीरेंद्र प्रताप दुबे है. पुलिस इस मर्डर केस की गुत्थी सुलझाने में जुटी हुई है. इसी बीच, पुलिस को पता लगा है कि धीरेंद्र ने 15 दिन पहले जहर खा लिया था और खुद इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गया था. उस समय उसकी जान बच गई, लेकिन पता नहीं, किस रंजिश में उसकी हत्या की गई.
धीरेंद्र के मोबाइल के सीडीआर में पता चला है कि वह कई नंबरों से देर तक बात करता था, जिसमें कई लड़कियों के नंबर भी शामिल हैं. पुलिस प्रेम संबंध, दोस्तों से विवाद समेत कई एंगल पर जांच में जुटी है. सहजनवा थाना क्षेत्र के सिहापार गांव निवासी धीरेंद्र प्रताप दुबे जोमैटो कंपनी में डिलीवरी बॉय का काम करता था. गुरुवार को उसका शव भैंसला गांव के कोमाबाग में मिला था.
उस समय पुलिस की जांच में पता चला कि उसके सिर और कनपटी पर एक- एक गोली मारी गई थी. पास में 32 बोर पिस्टल का दो खोखा व कारतूस बरामद हुआ था. कुछ दूरी पर एक बिना नंबर की मोटरसाइकिल भी खड़ी थी. पुलिस जांच करने के लिए धीरेंद्र के घर पहुंची तो उसके कमरे से एक बैग बरामद हुआ, जिसमें जोमैटो का ड्रेस और एक सीएससी का पर्चा मिला. पर्चे के संबंध में पूछताछ करने पर घरवालों ने बताया कि धीरेंद्र ने 15 दिन पहले जहर खा लिया था और उसके बाद खुद ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर अपना इलाज कराया.
उस समय वह बच गया, लेकिन शायद ईश्वर को उसकी जान लेनी थी और 15 दिन बाद ही वह काल के गाल में समा गया. उसकी हत्या किसने की, हम लोग कुछ नहीं बता सकते. धीरेंद्र की लाश पुलिस को गुरुवार को मिली थी. धीरेंद्र के बड़े भाई सचिंद्र दुबे ने बताया कि जब धीरेंद्र ने जहर खाया था तो हम लोगों ने उससे बहुत पूछताछ कि तुमने ऐसा क्यों किया, क्या परेशानी है, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया. उसने कहा कि मुझसे बहुत मतलब मत रखिए. आप लोग अपने काम से काम रखिए.
सचीन्द्र ने बताया कि वह झूठ बहुत बोलता था. कोई बात सही नहीं बताता था, जबकि हम लोग उसके भले के लिए परेशान रहते थे. मैं ठेकेदारी का काम करता हूं. धीरेंद्र ने बताया कि मोटरसाइकिल और मोबाइल न होने के चलते वह नौकरी नहीं कर पा रहा है, तो बीते अगस्त में लोन पर मैंने उसे बाइक व मोबाइल भी खरीद कर दिया. उसके बाद वह अक्सर घर से गायब रहता था. रात को भी नहीं आता था. पूछने पर बताता था कि कंपनी के काम से मैं शहर में निकला हूं, लेकिन अक्सर वह झूठ बोलता था.
कई बार इसी तरह से काम का बहाना करके चला जाता था और पता करने पर ज्ञात होता था कि वह बगल के जनपद संत कबीर नगर में दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा है. उसके झूठ बोलने से हम लोग काफी परेशान थे. घरवालों ने बताया कि सचींद्र एक दिन वह रात को घर आया तो उसको बहुत चोट लगी थी. हम लोगों ने पूछा कि क्या हुआ तो उसने कहा बाइक से गिर गया था, लेकिन उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि कहीं उसने विवाद किया था और दूसरे पक्ष के लोगों ने उसको बुरी तरह से पिटाई की थी.
जब हम लोग उसे डॉक्टर के पास ले गए तो एक्सरे करवाया, जिसमे उसके हाथ की हड्डी टूट गई थी, लेकिन उस समय भी उसने सच्चाई नहीं बताई. गांव के ही एक व्यक्ति से हम लोगों का जमीनी विवाद चल रहा था. एक दिन उसका उन लोगों से विवाद हो गया. ऐसे में उन लोगों ने मारपीट कर उसे घायल कर दिया था. घटना में उसका सिर फट गया था. उसके बाद एक व्यक्ति ने उसे धमकी भी दी थी.सचीन्द्र ने बताया कि पुलिस ने करीब आधे घंटे तक हम लोगों से पूछताछ की. माता-पिता का इस घटना के बाद रो-रो कर बुरा हाल है.
इस सम्बन्ध में एसपी नॉर्थ जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जांच पड़ताल के दौरान घटना से जुड़े हुए तमाम सुराग हाथ लगे हैं. पुलिस सभी पर काम कर रही है. मोबाइल के सीडीआर में 12 नंबरों पर लंबी बातचीत होने का पता चला है. इसमें कई नम्बर लड़कियां के भी हैं. ऐसे में पुलिस प्रेम प्रसंग और मित्रों के आपसी झगड़े को भी केंद्र में रखकर जांच को आगे बढ़ा रही है. जल्द ही मामले की सच्चाई सामने आ जाएगी.