– मानव जीवन जीने का सर्वश्रेष्ठ आधार है सत्संग: आयुष महाराज
बिंदकी, फतेहपुर। बिंदकी नगर के समीप अति प्राचीन ग्राम तेंदुली में इन दिनों भागवत भजन की बह रही रसधारा सत्संग व भागवत कथा की आयोजन से ग्राम वासियोमें खुशी की लहर है वह सभी भक्तगण कथा सुनकर हो रहे हैं । आनंद विभोर कहावत है कि जिस प्रकार खेत की सफाई न होने पर खरपतवार और अन्य प्रकार की बेकार की लताए एकत्रित होकर उपजाऊ खेत को नष्ट करने लगते हैं और उन्हें हमें समय-समय पर काटना व हटाना भी होता है इस प्रकार मानव जीवन भी है मानव जीवन जीने का सर्वश्रेष्ठ आधार सत्संग है सत्संग सुनने करने व सत्संगी व्यक्ति का साथ करने से दुर्व्याचारी व्यक्ति भी दुराचार छोड़कर सत्संगी व विवेकवान होकर अच्छे कार्य करने लगता है। चतुर्थ दिवस की कथा में कृष्ण जन्म का विस्तार से व बड़ा सुंदर वर्णन प्रस्तुत किया कथा वाचक बाल शुक्र श्री आयुष जी महाराज जिनकी उम्र महज 19 वर्ष है अपितु ज्ञान के भंडार व शास्त्र विद्या में निपुण है । श्री श्री आयुष जी महाराज स्वभाव से सरल धनी व्यक्तित्व व प्रकांड ज्ञानी होने के साथ-साथ उच्च कोटि के कथा वाचक भी हैं । व्यास पीठ पर बैठकर महाराज जी जब कथा सुनाते हैं तो जनता भाव विभोर होकर प्रभु का गुणगान करने लगती है कथा का आयोजन राजू मिश्रा ने अपने माता-पिता की पुण्य स्मृति में कराया तथा कथा का समापन 24 तारीख को विशाल भंडारे के साथ होगा। इस मौके पर उदय शंकर द्विवेदी, विष्णु दयाल द्विवेदी, प्रेम सागर द्विवेदी, विनय मिश्रा, ओमप्रकाश मिश्रा, राजकरण मिश्रा, अनिल मिश्रा, सुभाष बाबा चुटिया महाराज, राजन तिवारी, संदीप तिवारी, हर्षित तिवारी आदि सभांत व गणमान्य मौके पर मौजूद रहे।