21 साल बाद मिला इंसाफ: गैंगस्टर एक्ट में ग्रामीण को 6 साल की सजा

 

– विशेष न्यायालय ने सुनाया फैसला, 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया

फर्रुखाबाद:  गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज एक पुराने मामले में 21 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने दोषी को 6 साल के कठोर कारावास तथा 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न अदा करने की स्थिति में दो महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। यह मामला वर्ष 2004 का है, जब तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक मोहम्मदाबाद एस.एन. मिश्रा ने 2 अप्रैल 2004 को मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के गांव रोहिला निवासी देवेन्द्र उर्फ भल्लू पुत्र रामप्रकाश के खिलाफ गिरोहबंद समाज विरोधी क्रियाकलाप (गैंगस्टर एक्ट) के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि देवेंद्र उर्फ भल्लू संगठित गिरोह बनाकर जनता में भय और आतंक का माहौल पैदा करता है। वह मारपीट, रंगदारी वसूली सहित कई गंभीर वारदातों को अंजाम देता है। उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। क्षेत्र में उसका ऐसा खौफ था कि कोई भी ग्रामीण उसके खिलाफ गवाही देने की हिम्मत नहीं करता था।

पुलिस ने मामले की जांच कर गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत देवेंद्र के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट रितिका त्यागी की अदालत में हुई। दोनों पक्षों की दलीलें और प्रस्तुत साक्ष्य सुनने के बाद न्यायालय ने देवेन्द्र उर्फ भल्लू को दोषी मानते हुए उसे छह साल कठोर कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

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