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श्री मद्भागवत में तीसरे दिन भक्त ध्रुव की कथा का वर्णन

अतर्रा ,बांदा । आज फाल्गुन शुक्ल पक्ष नवमी शनिवार को गुमाई ग्राम पंचायत गुमाई में तीसरे दिवस की भागवत महापुराण कथा में व्यास जी अरुण मिश्रा जी ने बताया कि देव गुरुओं को नमन करने से मानव कल्याण होता है और धर्म यज्ञ अनुष्ठान जाप पूजा पाठ कथा प्रारम्भ करते हैं तो सभी कार्य सफल हो जाते हैं तो व्यास जी ने गणेश वंदना देव गुरुओं को नमन करते हुए कहा कि कि यह भागवत महापुराण कथा नारद जी ने सुनाई है और व्यास जी ने सुनाई है और इस संसार में मानव कल्याण हेतु शुकदेव जी ने मानव जीवन को अमृत मयी प्रशाद रूपी सुख शांति समृद्धि और मुक्ति प्रदान करने में सक्षम है।
आगे वताया है कि इस संसार में धर्म और अधर्म का फल मिलता है लेकिन माता पिता की भावनाओं से भी मिलता है उदाहरण देते हुए ध्रुव जी के जन्म की कथा सुनाई बताया है कि जिस माता के दिल हृदय में ईर्ष्या द्वेश भरा होता है उस मा का बेटा पुत्र ज्ञान और उन्नति सुख प्राप्त नहीं होता मा ध्रुव की निर्विकार प्रेम की प्रतिमूर्ति हैं क्योंकि श्रुति और सुनीति राजा उत्तानपाद की रानी थी लेकिन नगर से बाहर कुटी में जंन्म होने का वरदान दिया ऋषियों ने तो संतान प्राप्ति होगी पहले उत्तम मेरी सवत को संतान मिले बाद में मुझे तो देव ऋषि मुनियों ने ध्रुव जैसा अचल अटल पद तपस्या करने में प्राप्त करने में सक्षम हैं और उत्तम इस संसार का सुख कुछ नहीं देखा। दूसरी ओर भक्त ध्रुव अपनी प्रेम सौहार्द की प्रतिमूर्ति की भावना से सभी देवताओं को खुश करने में सफल हुआ और पद प्राप्त करने में सफल रहे। ऐसे ही अनेकों भक्तों का उदाहरण देते हुए बताया कि यहां पर जो भी महान हुआ है वह माताओ की कृपा से ही बनें हैं। इस महान महोत्सव में शामिल रहे सैकड़ों भक्त मुख्य यजमान मोहन द्विवेदी गोपाल द्विवेदी पंडित विश्वनाथ प्रसाद मिश्रा पुजारी पंडित सतन द्विवेदी पंडित चंदर बाबू द्विवेदी पंडित दादू गौतम पंडित शुभम शुक्ला कुंती देवी शरमन देवी तुलसा द्विवेदी रानी द्विवेद्वी आशा रानी ओम प्रकाश गौतम अमन गौतम पंडित रेवा गौतम पंडित दुर्गा गौतम पोलो निर्मला शुक्ला सरिता ममता गोमती देवी मिश्रा सुखदेव रमेश कुमार पप्पू गौतम शुभम शुक्ला रामनिवास जनती सुनीता सुनीती प्रिया शारदा देवी आदि रहे ।व्यास जी ने बताया कि कल जंन्म होगा कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर सभी भक्तों समय से पहले अपन स्थान ग्रहण करें और धर्म यज्ञ में सम्मिलित हों जय हो

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