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लखनऊ के अपार्टमेंट में थाईलैंड की 10 महिलाओं का रहस्यमयी ठिकाना! पुलिस की छापेमारी में हुआ बड़ा खुलासा

लखनऊ – उत्तर प्रदेश की राजधानी में एक हाई-प्रोफाइल केस ने सनसनी मचा दी है। शहर के पॉश इलाके मल्हौर के शक्ति अपार्टमेंट से थाईलैंड की 10 महिलाओं को हिरासत में लिया गया है। पुलिस को लंबे समय से इन विदेशी महिलाओं की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। जब चिनहट पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अपार्टमेंट के 6 अलग-अलग फ्लैटों पर छापा मारा, तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। पुलिस ने जब इन महिलाओं से पूछताछ की तो कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं। उनके पास से पासपोर्ट और वीजा तो मिला, लेकिन ठहरने की वैध वजह बताने में वह नाकाम रहीं। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि सिर्फ एक महिला के पास किराए का समझौता (Rent Agreement) था, बाकी के पास कोई कानूनी दस्तावेज नहीं थे। पूछताछ के दौरान एक महिला ने खुलासा किया कि उसे उसके भारतीय बॉयफ्रेंड “अर्चित” ने इस अपार्टमेंट में ठहरने की व्यवस्था कराई थी। उसने

पुलिस को बताया कि वही उसे किराए पर फ्लैट दिलाने में मदद कर रहा था। पुलिस इस बॉयफ्रेंड की भूमिका को लेकर जांच कर रही है कि कहीं यह कोई अंतरराष्ट्रीय गैंग से जुड़ा मामला तो नहीं। जब पुलिस ने शक्ति अपार्टमेंट के मालिक शक्ति सिंह से इन विदेशी महिलाओं के बारे में पूछताछ की, तो वह भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके। पुलिस को किसी भी किरायेदार का पूरा ब्योरा नहीं मिला, जिससे शक गहरा हो गया। यह मामला अवैध रूप से विदेशी नागरिकों को शरण देने से जुड़ा हो सकता है। पुलिस को अभी यह पता नहीं चल पाया है कि ये महिलाएं पर्यटन के उद्देश्य से आई थीं या किसी और गतिविधि में संलिप्त थीं। कई लोगों को शक है कि यह हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट से जुड़ा मामला भी हो सकता है, लेकिन पुलिस अभी तक इस पर कोई पुष्टि नहीं कर रही है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या ये महिलाएं टूरिस्ट वीजा का गलत इस्तेमाल कर रही थीं। पुलिस ने अपार्टमेंट मालिक शक्ति सिंह, अर्चित और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।

मामले में BNS की धारा 61, 318(4), विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 A, 7(1), विदेशी पंजीकरण अधिनियम 1939 की धारा 5 के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह मामला सामने आने के बाद लखनऊ पुलिस अब शहर में रह रहे अन्य विदेशी नागरिकों की भी जांच कर रही है। पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी विदेशी नागरिक गैरकानूनी तरीके से शहर में ना रह रहा हो। होटल, गेस्ट हाउस और किराए पर रहने वाले विदेशी नागरिकों के दस्तावेजों की भी गहन जांच की जा रही है। अभी तक की जांच में कई सवाल खड़े हो गए हैं: क्या इनके पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय गिरोह सक्रिय है?

महिलाओं का लखनऊ में आने का असली मकसद क्या था? पुलिस ने दिए कड़ी कार्रवाई के संकेत पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि इन महिलाओं का कोई गैरकानूनी कनेक्शन पाया जाता है, तो उन्हें जल्द ही डिपोर्ट किया जाएगा। इसके अलावा, जो भी व्यक्ति अवैध रूप से विदेशी नागरिकों को ठहराने में मदद कर रहा है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। यह कोई पहला मामला नहीं है जब विदेशी नागरिकों की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर पुलिस ने कार्रवाई की हो। लखनऊ जैसे शहरों में अवैध विदेशी प्रवासियों की मौजूदगी चिंता का विषय बनती जा रही है। इस केस के बाद प्रशासन ने किराए पर रहने वाले विदेशी नागरिकों के वेरिफिकेशन को और सख्त करने के आदेश जारी किए हैं। अब इस हाई-प्रोफाइल केस में आगे की जांच पुलिस के लिए बेहद अहम होगी। थाईलैंड की ये महिलाएं कौन हैं? क्या यह सिर्फ एक टूरिज्म से जुड़ा मामला है, या फिर इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है? इन सभी सवालों के जवाब जल्द ही सामने आ सकते हैं। फिलहाल पुलिस इन महिलाओं से कड़ी पूछताछ कर रही है और मामले में बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

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