मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ की जिला जेल में बंद मुस्कान और साहिल अपनी-अपनी पैरवी के लिए अलग-अलग वकील कर रहे हैं। कोर्ट में पेशी के दौरान दोनों एक-दूसरे को देखते तो हैं, लेकिन बातचीत नहीं करते हैं। मुस्कान होने वाले बच्चे को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रही है। व जेल में बंद अन्य महिलाओं से यही कहती रहती है कि मेरे जीने का सहारा यही मेरा बच्चा होगा। मेरठ जेल में 18 मार्च 2025 से सलाखों के पीछे बंद मुस्कान अब पूरी तरह बदली हुई नजर आ रही है। वह अपने होने वाले बच्चे को अपने जीने का सहारा मानकर अपने सेहत और खानपान का पूरा ध्यान रख रही है। जेल में मुस्कान से मिलने अभी तक उसके परिवार से कोई भी नहीं पहुंचा है।
जेल में साहिल और मुस्कान के बीच मतभेद की चर्चा
जेल सूत्रों के अनुसार, जेल में साहिल और मुस्कान के बीच मतभेद नजर आए कारण जानने पर पता चला कि साहिल के परिजनों ने उसकी जमानत के लिए हाई कोर्ट का एक अच्छा वकील करा है, जो केवल साहिल की ही जमानत करवाएगा। मुस्कान को जब पता चला तो उसने भी अपने लिए हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करने के लिए एक वकील की मांग की है। सूत्र ने बताया कि यही से दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लगीं और अब तारीख पर पेशी के दौरान एक-दूसरे को देखते नहीं है और न ही बातचीत करते हैं।
गर्भवती मुस्कान डॉक्टर के चार्ट द्वारा रखती है अपना ध्यान
जेल में मुस्कान सुबह 6 बजे सोकर उठती है। उसके बाद 7 बजे योग और वॉक करती है। 8 बजे नहाने और पूजा-पाठ के बाद नाश्ता करती है। अन्य महिला बंदी रामायण पढ़ती है, तो वह पाठ को सुनती है। दोपहर 1 बजे सभी बंदी एकसाथ भोजन करते हैं। इसके बाद बैरक में आराम और बातचीत करती है। 3.30 बजे बैरक बंद होती है, फिर शाम 5 बजे खुलती है। चाय पीने के बाद 6 बजे गिनती और डिनर के बाद रात को सो जाती है।
जिला महिला अस्पताल में होगी मुस्कान की डिलीवरी
वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉक्टर वीरेश राज ने बताया कि मुस्कान फिलहाल 6.5 महीने की गर्भवती है। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में बच्चे की ग्रोथ नॉर्मल बताई गई है। डॉक्टरों की देखरेख में उसे प्रोटीन डाइट मिल रही है, जिसमें दूध, फल और दालें शामिल हैं। गर्भवती होने की वजह से उससे जेल के कोई काम नहीं कराए जा रहे हैं। समय पूरा होने पर उसकी डिलीवरी जिला महिला अस्पताल में करवाई जाएगी।