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“महाराष्ट्र की राजनीति में मेल-मिलाप? ‘चाचा-भतीजा’ फिर साथ-साथ?

महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से पवार परिवार चर्चा में है. पवार परिवार के दोनों अलग-अलग राजनीतिक गुटों को एक एकजुट करने की कोशिश हो रही है. अभी दो दिन पहले ही दिल्ली में शरद पवार के जन्मदिन की पार्टी थी, जिसमें अजित पवार भी शामिल हुए थे, अब अजित पवार की पार्टी के एक नेता पुणे में पोस्टर लगाकर पवार परिवार के एकजुट होने की मांग की है. पोस्टर लगाने वाले नेता का कहना है कि दोनों एकजुट होने से ही महाराष्ट्र का फायदा है, इसलिए दोनों एक साथ आएं.

आपको बता दें कि आज ही शरद पवार 85 वर्ष के हुए हैं, इससे पहले ही एक पार्टी थी. जिसमें अजित पवार शरद पवार के घर पहुंचे थे. जिसके बाद से ही NCP के दोनों गुटों की एकजुटता की अटकलें तेज हो गई है.हालांकि इस विषय पर एनसीपी के विधायक का अमोल मिटकरी का कहना है कि कई लोग चाहते हैं कि पवार परिवार एक साथ आ जाए.

मुलाकातों पर क्या बोली शिवसेना?

इस मामले पर शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगडे का कहना है कि ये पहली बार नहीं है जब अजित पवार जन्मदिन पर शरद पवार से मिलने गए हों. इसे राजनीतिक एंगल से नहीं देखना चाहिए. परिवार के लोग हैं हमेशा मिलते जुलते रहते हैं वहीं, अजित गुट की एनसीपी के नेता अमोल मिटकरीने कहा है कि पहले अजित पवार साहब ने ही साथ छोड़ा था. कल परसों में अजित दादा पवार के साथ में ही थे हम लोग तो आजतक शरद पवार के साथ हैं.कई लोग पवार के साथ हैं कई लोग अजित दादा के साथ हैं.

कांग्रेस बोली- डर गई है महायुति

वैसे महाराष्ट्र की राजनीतिक से एक और अपडेट है, ये अपडेट साथ चुनाव लड़ने को लेकर है. जब से महाराष्ट्र में लोकल बॉडी चुनाव में बीजेपी और शिवसेना शिंदे ने साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है तब से शिवसेना उद्धव और कांग्रेस के हमले तेज हो गए हैं. कांग्रेस ने कहा है कि महायुति डर गई है इसलिए साथ चुनाव लड़ना चाहती है. कांग्रेस नेता संजय निरुपम का कहना है कि साथ में चुनाव लड़ने का फैसला बहुत अच्छा है. साथ लड़ेंगे तो हम और मजबूती के साथ चुनाव जीत सकते हैं. 29 महानगरपालिका में खास तौर पर मुंबई में शिवसेना बीजेपी की सरकार आ सकती है. हमने लोकसभा विधानसभा चुनाव साथ में लड़ा की चुनावी हमें साथ में लड़ना चाहिए फैसले का में स्वागत करता हूं और यही होना चाहिए था.

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