ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बॉन्डी बीच पर मास शूटिंग हुई है. इस हमले में 10 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, 60 लोग घायल हैं. न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने रविवार शाम को पुष्टि की कि नौ लोगों और एक संदिग्ध बंदूकधारी की मौत हो गई है. सिडनी में यह हमला यहूदियों के खास त्योहार हनुक्का के दौरान हुआ है. रविवार शाम समुद्र तट पर हनुक्का का आयोजन किया जा रहा था, तभी गोलीबारी शुरू हो गई. गवाहों के अनुसार, इस गोलीबारी के दौरान लगभग 50 गोलियां चलाई गईं.हनुक्का त्योहार यहूदियों का एक खास पर्व है. इस त्योहार को 8 दिनों तक मनाया जाता है. इस खास त्योहार को मनाने के लिए सैकड़ों की तादाद में बॉन्डी बीच पर यहूदी त्योहार की पहली रात को जमा हुए थे. तभी यह अटैक हुआ. सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, हमलावरों ने शाम करीब 6:30 बजे (ऑस्ट्रेलियाई समय) गोलियां चलाईं. हर तरफ लोग भागने लग गए. कार्यक्रम में शामिल एक व्यक्ति ने द हेराल्ड को बताया कि हमलावरों ने बच्चों और बुज़ुर्गों को भी निशाना बनाया. चलिए इसी बीच जानते हैं कि हनुक्का त्योहार क्या होता है और इसको कैसे मनाया जाता है.यहूदी त्योहार हनुक्का रोशनी का त्योहार है. इस त्योहार में दीप यानी मोमबत्ती जलाई जाती हैं. हनुक्का शब्द का मतलब समर्पण होता है और यह यहूदी इतिहास के सबसे महान चमत्कारों में से एक का उत्सव है. हनुक्का की तारीखें हर साल बदलती रहती हैं, लेकिन यह हमेशा नवंबर या दिसंबर में पड़ता है और 8 दिनों तक चलता है.
यह त्योहार यहूदियों को 2,000 साल से भी पहले के उस समय की याद दिलाता है, जब उन्होंने अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन करने के लिए यूनानियों के खिलाफ युद्ध जीता था. दरअसल, यूनानियों ने सभी यहूदी धार्मिक अनुष्ठानों पर प्रतिबंध लगा दिया था. राजा एंटिओकस ने यहूदियों को यहूदी मंदिर में स्थापित अपनी मूर्ति के सामने झुकने और यूनानी देवताओं की पूजा करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की, लेकिन यहूदियों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था.
यहूदियों के एक छोटे समूह, जिन्हें मैकाबी कहा जाता था, उन्होंने इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी और 3 साल के युद्ध के बाद उन्होंने जीत हासिल की. इसी के बाद उन्होंने अपने पवित्र मंदिर को फिर से स्थापित किया. इसकी सफाई की और उसकी मरम्मत की. फिर जीत का जश्न मनाने के लिए वहां एक तेल का दीपक जलाया गया.
दीपक को सिर्फ एक दिन तक जलाने के लिए ही तेल था, लेकिन चमत्कार यह हुआ कि एक दिन का तेल होने के बाद भी वो दीपक उसी तेल से 8 दिनों तक जलता रहा. इसी वजह से हनुक्का का त्योहार 8 दिनों तक मनाया जाता है और इस उत्सव में रोशनी का खास महत्व है.
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