बच्चे अक्सर माता-पिता से छुप-छुपकर ऐसी शरारतें करते हैं जिसकी वजह से माता-पिता को चिंता हो जाती है. कई बार शरारतें खुलकर सामने नहीं आ पातीं और कई बार इस तरह आती हैं कि सब चौंक जाते हैं. अमेरिका के वॉशिंगटन स्टेट में एक साधारण डेंटल चेकअप ने एक मां और उसकी 13 साल की बेटी के लिए एक हैरान करने वाला अनुभव दे दिया. उसकी मां उसके दांतों का एक्स-रे कराने के लिए डेंटिस्ट के पास लेकर गई थी. जब डॉक्टर ने एक्स-रे की रिपोर्ट देखी तो उन्हें ऐसी चीज नजर आई जिसे देखकर उनके होश उड़ गए.
यह घटना अमेरिका के वॉशिंगटन राज्य की है, जहां एक साधारण डेंटिस्ट विज़िट ने एक मां और बेटी की ज़िंदगी में अप्रत्याशित मोड़ ला दिया. ओफीलिया (बदला हुआ नाम) अपनी 13 वर्षीय बेटी को ब्रेसेज़ लगवाने के लिए ऑर्थोडॉन्टिस्ट के पास ले गई थीं. उन्हें बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था कि एक्स-रे रिपोर्ट में ऐसा कुछ सामने आएगा जो उन्हें हक्का-बक्का कर देगा. जैसे ही डॉक्टर ने एक्स-रे स्क्रीन पर दिखाया, सबने देखा कि बच्ची की साइनस में एक छोटा सा धातु का टुकड़ा फंसा हुआ है यह देखकर ओफीलिया समझ ही नहीं पाईं कि यह वहां कैसे पहुंचा लेकिन उनकी बेटी तुरंत समझ गई कि असल में हुआ क्या था.
नाक में फंसी नोज़ रिंग
दरअसल, छह महीने पहले की बात है, जब 13 साल की इस बच्ची ने अपनी मां से नाक छिदवाने की जिद की थी. उसकी एक सहेली ने हाल ही में नाक में पियर्सिंग करवाई थी, और उसे देखकर उसने भी अपनी मां से वही करने की अनुमति मांगी लेकिन मां ने साफ कह दिया था कि उसे कम से कम 16 साल की उम्र तक इंतज़ार करना होगा. बॉडी पियर्सिंग आजकल युवाओं में काफी लोकप्रिय है. न्यूजवीक वेबसाइट के अनुसार जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, 27 से 42 प्रतिशत किशोरों ने किसी न किसी तरह का पियर्सिंग कराया हुआ है. ओफीलिया ने अपनी बेटी को कान छिदवाने की अनुमति तो दी थी, लेकिन नाक पियर्सिंग उन्हें जल्दबाज़ी लगी. उन्हें नहीं पता था कि उनकी बेटी उनकी मनाही को अनदेखा कर खुद ही खतरनाक कदम उठाने वाली है.
दरअसल, छह महीने पहले की बात है, जब 13 साल की इस बच्ची ने अपनी मां से नाक छिदवाने की जिद की थी. उसकी एक सहेली ने हाल ही में नाक में पियर्सिंग करवाई थी, और उसे देखकर उसने भी अपनी मां से वही करने की अनुमति मांगी लेकिन मां ने साफ कह दिया था कि उसे कम से कम 16 साल की उम्र तक इंतज़ार करना होगा. बॉडी पियर्सिंग आजकल युवाओं में काफी लोकप्रिय है. न्यूजवीक वेबसाइट के अनुसार जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, 27 से 42 प्रतिशत किशोरों ने किसी न किसी तरह का पियर्सिंग कराया हुआ है. ओफीलिया ने अपनी बेटी को कान छिदवाने की अनुमति तो दी थी, लेकिन नाक पियर्सिंग उन्हें जल्दबाज़ी लगी. उन्हें नहीं पता था कि उनकी बेटी उनकी मनाही को अनदेखा कर खुद ही खतरनाक कदम उठाने वाली है.
बच्ची ने बताया सच
बेटी को गंभीर एडीएचडी (ADHD) था और उस समय उसका आत्म-नियंत्रण लगभग शून्य था. उसने अपने कान छिदवाने में इस्तेमाल हुई ईयररिंग को लिया और उसी से नाक छेदने की कोशिश की. पहले उसने बाहर से दबाया, लेकिन फिर अंदर से धक्का देने की कोशिश की. इसी दौरान शायद छींक आई या गलती से धक्का गलत दिशा में चला गया और ईयररिंग उसकी सांस के साथ अंदर जाकर साइनस में फंस गई. लड़की ने इस बारे में अपनी मां को कुछ नहीं बताया. उसे लगा कि यह गले से नीचे उतर गया होगा क्योंकि उसे कोई दर्द या परेशानी महसूस नहीं हुई, धीरे-धीरे वह इस घटना को भूल भी गई. ब्रेसेज़ के लिए किए गए एक्स-रे में यह राज खुल गया. जब एक्स-रे रिपोर्ट सोशल मीडिया पर साझा की गई तो यह तुरंत वायरल हो गई और 73 हज़ार से ज्यादा अपवोट्स मिले. सौभाग्य से इसका अंत खुशहाल रहा. ओफीलिया ने तुरंत एक ईएनटी डॉक्टर से संपर्क किया, जिसने पहले भी बेटी के टॉन्सिल्स हटाए थे. डॉक्टर ने बेहद लंबे मेडिकल ट्वीज़र की मदद से सावधानीपूर्वक ईयररिंग को निकाल लिया. पूरी प्रक्रिया दर्दरहित रही और बच्ची को कोई समस्या नहीं हुई.
बेटी को गंभीर एडीएचडी (ADHD) था और उस समय उसका आत्म-नियंत्रण लगभग शून्य था. उसने अपने कान छिदवाने में इस्तेमाल हुई ईयररिंग को लिया और उसी से नाक छेदने की कोशिश की. पहले उसने बाहर से दबाया, लेकिन फिर अंदर से धक्का देने की कोशिश की. इसी दौरान शायद छींक आई या गलती से धक्का गलत दिशा में चला गया और ईयररिंग उसकी सांस के साथ अंदर जाकर साइनस में फंस गई. लड़की ने इस बारे में अपनी मां को कुछ नहीं बताया. उसे लगा कि यह गले से नीचे उतर गया होगा क्योंकि उसे कोई दर्द या परेशानी महसूस नहीं हुई, धीरे-धीरे वह इस घटना को भूल भी गई. ब्रेसेज़ के लिए किए गए एक्स-रे में यह राज खुल गया. जब एक्स-रे रिपोर्ट सोशल मीडिया पर साझा की गई तो यह तुरंत वायरल हो गई और 73 हज़ार से ज्यादा अपवोट्स मिले. सौभाग्य से इसका अंत खुशहाल रहा. ओफीलिया ने तुरंत एक ईएनटी डॉक्टर से संपर्क किया, जिसने पहले भी बेटी के टॉन्सिल्स हटाए थे. डॉक्टर ने बेहद लंबे मेडिकल ट्वीज़र की मदद से सावधानीपूर्वक ईयररिंग को निकाल लिया. पूरी प्रक्रिया दर्दरहित रही और बच्ची को कोई समस्या नहीं हुई.