सोमवार सुबह करीब 6 बजे सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में तीन दिन में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। अचेत हालत में मिलने पर एक महिला को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। यहां डॉक्टरों ने उसकी मौत की पुष्टि की। कोतवाली थाना पुलिस को जानकारी भेजी। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, महिला का नाम मंजू है। वह कुबेरेश्वर धाम में चल रहे रुद्राक्ष महोत्सव में कथा सुनने गुजरात से आई थी। उसके साथ कौन था और वह गुजरात में कहां की रहने वाली है, इसका पता नहीं चल सका है। इससे पहले कुबेरेश्वर धाम में रविवार को गोलू कोष्टा की मौत हुई थी। वह जबलपुर का रहने वाला था।
गोलू के रिश्तेदार राहुल कोष्टा ने बताया कि वह अपने चार साथियों के साथ कथा सुनने पहुंचा था। तेज गर्मी के कारण उसे चक्कर आ गया और वह नीचे गिर पड़ा। जिला अस्पताल में डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। शनिवार को धाम में कानपुर से आए विजेंद्र ने दम तोड़ दिया था। कुबेरेश्वर धाम में सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव की शुरुआत 25 फरवरी को हुई थी। आज समापन है। इसमें शामिल होने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव भी पहुंचे। उन्होंने मंच पर पहुंचकर पंडित प्रदीप मिश्रा से आशीर्वाद लिया। फिर श्रद्धालुओं को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा- मैं कहना चाहता हूं कि कुपोषण महिला बाल विकास विभाग की योजनाओं से नहीं बल्कि गाय पालन से दूर होगा। मेरा मानना है कि शराब की दुकानों की जगह दूध की दुकानें खोली जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्य की बात है कि शिप्रा नदी बरसाती नदी है और मार्च के महीने में ही सूख जाती है। लेकिन मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि अगला सिंहस्थ जब होगा, तो हम ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि लोग शिप्रा के पानी में ही स्नान करेंगे।’ रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान बीते 6 दिन में करीब 30 लाख लोग कुबेरेश्वर धाम आ चुके हैं। यहां शिवपुराण कथा के साथ एक करोड़ रुद्राक्ष अभिमंत्रित किए गए हैं। धाम की विठलेश सेवा समिति के मुताबिक, धाम में रोजाना करीब 10 लाख लोग कथा सुनने आ रहे हैं।
समिति ने शनिवार को घोषणा की है कि यहां हर दिन एक कन्या का निशुल्क विवाह कराया जाएगा। पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा- शिवपुराण कथा सुनने के लिए अमेरिका से भी एक परिवार कुबेरेश्वर धाम पहुंचा है। उन्होंने बताया कि पंडित प्रदीप मिश्रा जहां जाते हैं, वे भी कथा सुनने वहां पहुंचते हैं। यहां कथा समाप्त होने तक वे धाम के पास ही होटल में कमरा लेकर रह रहे हैं। रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान कुबेरेश्वर धाम में कथा स्थल पर रोज 50 क्विंटल से ज्यादा रोटियां, 20 क्विंटल नमकीन और 40 क्विंटल से ज्यादा खिचड़ी बन रही है। 20 क्विंटल चावल, 10 क्विंटल मीठी बूंदी, दही की ठंडाई और नींबू पानी भी बांटा जा रहा है।