बिंदकी, फतेहपुर। सात दिवसीय रूद्र यज्ञ भागवत कथा में हवन पूजन एवं मंत्र उच्चारण के बीच 11 बटुको का उपनयन संस्कार हुआ। उपनयन संस्कार के दौरान बटुकों ने अपने मा से भिक्षा मांगी। बताया जाता है की भिक्षा मांगने से अहंकार नष्ट होता है विनम्रता आती है। उपनयन संस्कार के मौके पर भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। मलवां विकास खंड क्षेत्र के जनता गांव में चल रहे सात दिवसीय रुद्र यज्ञ भागवत कथा के छठवें दिन उपनयन संस्कार का आयोजन किया गया। जिसमे 11 बटुकों का विधि विधान से पूजन कर उपनयन संस्कार हुआ। आचार्य पंडित बच्चन दीक्षित व उनके साथियों ने विधि विधान से पूजा अर्चना कराई। इस मामले में आचार्य पंडित बच्चन दीक्षित ने बताया कि संस्कार के दौरान जनेऊ धारण कराया जाता है हिंदू धर्म के 16 प्रमुख संस्कारों में से यह संस्कार एक है बालक के शिक्षा और धार्मिक जीवन की शुरुआत इसी संस्कार से होती है बताया गया कि उपनयन संस्कार में बटुकों ने अपने मा से भिक्षा मांगा। बताया जाता है की भिक्षा मांगने से अहंकार नष्ट होता है विनम्रता आती है बालक सत्य के मार्ग में चलता है। बताया गया कि आज भागवत कथा के अंतिम दिन विशाल भंडारा किया गया, जिसमें कई हजार लोग आकर प्रसाद को ग्रहण किया।