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कानपुर में मां-बाप समेत 3 बेटियां जिंदा जलीं, दर्दनाक हादसे का कौन जिम्मेदार?

कानपुरः उत्तर प्रदेश की राजधानी कानपुर के चमनगंज थाना क्षेत्र के गांधीनगर इलाके में रविवार की देर रात लगी आग में एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में माता-पिता और तीन बेटियां शामिल हैं. सभी के शव रात के 3 बजे बिल्डिंग से निकाले गए. बिल्डिंग में रात 8:00 बजे अचानक से आग लग गई थी. पहले और दूसरी मंजिल पर जूता बनाने का कारखाना था. जबकि तीसरी और चौथी मंजिल पर परिवार रहता था. करीब 7 घंटे बाद कड़ी मशक्कत करने पर फायर ब्रिगेड की टीम आग पर काबू पा सकी.

घटना के एक वक्त एक भाई मो. दानिश का परिवार दूसरी फ्लोर में था। जबकि बड़े भाई मो. कासिफ का परिवार एक रिश्तेदार के यहां गया हुआ था। आग का पता लगते ही दानिश सबसे पहले अपने बुजुर्ग पिता अकिल को बाहर निकालकर आए। दानिश वापस लपटों के बीच दूसरी फ्लोर में फंसी पत्नी और 3 बच्चियों को बचाने के लिए अंदर चले गए। लेकिन, तब तक आग और बढ़ गई। दानिश बाहर नहीं निकल पाए। हादसे में कारोबारी दानिश (45), उनकी पत्नी नाजमी सबा (42), बेटी सारा (15), सिमरा (12), इनाया (7) की जिंदा जलकर मौत हो गई।

आग की सूचना पर एक-एक कर मौके पर दमकल की 20 गाड़ियां पहुंचीं। रात 1.30 बजे लखनऊ से SDRF के जवान भी रेस्क्यू के लिए पहुंचे। बिल्डिंग के दोनों तरफ करीब 500-500 मीटर तक इलाके को ब्लॉक कर दिया गया। आग की भयावहता को देखते हुए आसपास की इमारतें खाली कराई गईं। बिजली भी काट दी गई। फायर फाइटर्स ने आग बुझाने की कोशिश शुरू की। लेकिन, जूता-चप्पल बनाने में इस्तेमाल होने वाला केमिकल रखा होने की वजह से पानी का ज्यादा असर नहीं हो रहा था। दानिश का परिवार जिस फ्लेार में था, वहां अंदर तक पानी पहुंचाने में मुश्किल हुई। दमकल की टीम ने ऊपरी फ्लोर में कई जगह से दीवार तोड़कर छेद किए। अंदर पानी डाला गया। करीब 5 घंटे के रेस्क्यू के बाद फायर टीम ने मां-पिता और 3 बेटियों के शव निकाले।

प्रेम नगर निवासी अकील के बड़े बेटे दानिश का जूते-चप्पल का कारोबार है। 4 मंजिला बिल्डिंग में नीचे कारखाना है। तीसरी मंजिल पर उनके भाई कासिफ परिवार के साथ रहते हैं। जबकि चौथी मंजिल पर दानिश, उनकी पत्नी और तीन बच्चियां रहती थीं। रविवार रात करीब 8 बजे बिल्डिंग में आग लगी। सूचना पर पहुंची दमकल की टीम ने तीसरी मंजिल पर फंसे कासिफ के परिवार को रेस्क्यू कर लिया। फायर फाइटर्स बिल्डिंग के अंदर सीढ़ी लगाकर दाखिल होने का प्रयास करते रहे। मगर धुआं के कारण अंदर नहीं जा पाए।

चौथी मंजिल पर फंसे मोहम्मद दानिश (45), उनकी पत्नी नाजमी सबा (42), बेटी सारा (15), सिमरा (12), इनाया (7) को नहीं निकाला जा सका। पांचों लोग जिंदा जल गए। एक बेटी जान बचाने के लिए मां से लिपट गई। मां-बेटी का लिपटा हुआ शव मिला। तड़के करीब 3 बजे फायर की टीम घर के अंदर एंट्री कर पाई। दूसरी फ्लोर में पति-पत्नी और तीनों बेटियों के शव अलग-अलग जगह मिले। शव इस कदर जल गए थे कि उनको पहचान पाना मुश्किल था।

घर के अंदर गए फायर बिग्रेड के अफसर ने बताया कि एक बेटी का शव मां से लिपटा हुआ मिला। ऐसा लगता है कि मां ने बेटियों को बचाने के लिए खूब कोशिश की। बाद में धुआं की वजह से उनकी मौत हो गई और शव जल गया। दानिश और उनके परिवार का शव जिस हालत में अंदर मिला है। उसे देखकर फायर कर्मी तक रोने लगे। जब फायर टीम शव लेकर बाहर पहुंची तो रिश्तेदार देखने की कहने लगे। लेकिन, शव इस कदर जले हुए थे कि टीम पांचों शवों को सीधे पोस्टमॉर्टम हाउस ले गई।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग पहले बेसमेंट में लगी। इसके बाद तेजी से फैलते हुए महज 20 मिनट में ही टॉप फ्लोर तक पहुंच गई। घर में रखे सिलेंडर, एसी और केमिकल के ड्रमों में विस्फोट होने लगा। पहले 2 धमाके हुए। 5 मिनट बाद तीसरा धमाका हुआ। बगल की बिल्डिंग में जूता-चप्पल का गोदाम भी आग की चपेट में आ गया। पहले लोग खुद ही बुझाने में जुट गए। 8.45 बजे फायर ब्रिगेड को सूचना दी, करीब 30 मिनट बाद 9.15 बजे दमकल की पहले चार गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग की भयावहता को देखते हुए 6 और दमकल की गाड़ियां बुलाई गईं। फिर एक-एक कर कुल 20 दमकल की गाड़ियां आग बुझाने में लगीं। आग पर काबू पाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा।

जूते के कारखाने में डेन्ड्राइड केमिकल रखा था। जिससे आग तेजी से धधक रही थी। पुलिस कर्मी पड़ोस की छत से कासिम के घर की दीवारों को तोड़कर हैवी फोर्स के साथ पानी अंदर फेंका गया। फायर ब्रिगेड की हाइड्रोलिक मशीन मौके पर पहुंची। जिससे बिल्डिंग के ऊपरी हिस्सों में पानी की बौछार छोड़ी गई। करीब 7 घंटे बाद यानी रात 3 बजे 70 फायर फाइटर्स ने आग की लपटों पर काबू पाया।

परिवार वालों के मुताबिक, आग लगने की सूचना पर अकील ने बेटे दानिश को फोन किया। दानिश ने फोन उठाकर हैलो बोला था। फिर उसका फोन बंद हो गया। पड़ोस के लोगों का कहना है कि आग लगने के दौरान दानिश एक बार नीचे उतर के आया था। इसके बाद वह दोबारा बच्चों को बचाने के लिए ऊपर भाग गया। फिर आग ने पूरी बिल्डिंग को चपेट में ले लिया और वह नीचे नहीं उतर सका।

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