राजस्थान के जैसलमेर की स्वास्थ्य सुविधाएं डगमगाई हुई हैं. सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए पहुंच रहे मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इसी तरह खामियों को लेकर हर बार चर्चाओं में रहने वाला सरहदी जिले जैसलमेर का सबसे बड़ा अस्पताल जवाहिर अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है. अस्पताल का एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जहां मुख्यमंत्री निशुल्क दवा वितरण केंद्र पर फार्मासिस्ट की जगह कंप्यूटर ऑपरेटर मरीजो को दवाइयां बांट रहे हैं और आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
वीडियो मंगलवार देर रात का है, जहां मरीज दवाइयां लेने पहुंचता है. लेकिन, दवाइयां देने वाला डॉक्टर की लिखी दवाइयो को नहीं समझ पाता है. वह दवाइयां देने में देरी के साथ ही पर्ची में लिखी दो दवाइयां स्टोर में नही होना बताता है, जिसके कारण मरीज को उस पर शक हुआ. मरीज ने दवाइयां देने वाले का वीडियो बना लिया, जिसमें दवाइयां देने वाला खुद को कंप्यूटर ऑपरेटर बताता है और फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति के बारे में कहता है. वीडियो वायरल होने के बाद लोग अस्पताल की सुविधाओं पर सवाल कर रहे हैं. ऐसे में जैसलमेर के स्वास्थ्य विभाग पर यह सवालिया निशान खड़ा होता है कि अगर शहर के सबसे बड़े अस्पताल के ये हालात हैं तो अन्य अस्पतालो के बारे में तो कहना ही क्या होगा?
डाटा फीड करने वाला ओपरेटर वीडियो में स्वीकार करता है कि वे कंप्यूटर ऑपरेटर है और फार्मासिस्ट के घर चले जाने के कारण वे दवाइयां दे रहा है. वायरल वीडियो को देख लोग सवाल कर रहे हैं कि ऐसे में यदि मरीज को कोई गलत दवा दी जाती है तो फिर उसका राम ही रखवाला है. हालांकि, इस सम्बंध में अस्पताल के पीएमओ चंदनसिंह से भी बात करने की कोशिश की लेकिन वे इस बात से पल्ला झाड़ते नजर आए.ऐसे में अब आने वाला वक्त ही बताएगा कि आखिर ऐसे गैर जिम्मेदार फार्मासिस्ट पर स्वास्थ्य विभाग क्या कार्यवाही करता है.