Breaking News

कोविड के डर से 10 साल के बेटे संग तीन साल तक घर में रही कैद, घर बना कबाड़

 

 

गुरुग्राम थाना सेक्टर-29 क्षेत्र के मारूति विहार सोसाइटी में एक महिला ने कोविड संक्रमण के भय के चलते तीन साल तक खुद को और अपने 10 साल के बच्चे को घर के अंदर कैद करके रख रखा था। तीन साल बाद महिला के पति की शिकायत पर पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ महिला और उसके बच्चे को घर से निकाला है।

सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में महिला और बच्चे के प्राथमिक परीक्षण के बाद दोनों को रोहतक के पंडित भगवत दयाल पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल इंस्टीट्यूट भेज दिया गया है। डाक्टरों के मुताबिक महिला को मानसिक समस्या से ग्रस्त है। उसने संक्रमण के प्रति अपनी शंका को ही वास्तविकता समझ लिया था।

मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले सुजान मांजी अपनी पत्नी मुनमुन मांजी और 10 वर्षीय बेटे शोभित के साथ मारुति विहार कालोनी में रहते हैं। सन 2020 में कोविड के दौरान लॉकडाउन होने पर सुजान मांजी ने भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया। कुछ दिन बाद कोविड नियमों में ढील देने के बाद मुनमुन ने अपने बेटे सहित खुद को संक्रमण फैल जाने के डर से फ्लैट में कैद कर लिया। यहां तक कि अपने पति सुजान मांझी को भी फ्लैट के अंदर आने से इनकार कर दिया।

पति को ये कहकर नहीं घुसने दिया घर के अंदर

मुनमुन की दलील थी कि वह ऑफिस जाता है इसलिए बाहर से संक्रमण आ सकता है। सुजान ने अपने परिवार, रिश्तेदार, ससुराल वाले सभी से फोन पर बात करवा कर मुनमुन को आश्वस्त करने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी। इसके बाद सुजान वहीं सोसायटी में ही किराए पर फ्लैट लेकर रहने लगा। इन तीन सालों में सुजान अपनी पत्नी मुनमुन व बेटे के लिए राशन, सब्जियां, दूध आदि दैनिक जरूरतों की चीजों को मुनमुन वाले फ्लैट के बाहर रख दिया करता था।

सिलेंडर खत्म होने पर इंडक्शन कुकिंग प्लेट रख दी। वह बिजली का बिल और किराया आदि चुकाता रहा। बेटे की क्लास आन लाइन फोन पर होती थी। मुनमुन की मांग थी कि जब तक 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक वह स्वयं को और अपने बेटे को घर से बाहर नहीं निकलने देगी।

तीन साल बाद भी नहीं तैयार हुई मुनमुन तो पति ने की शिकायत

अब जबकि कोविड से काफी हद तक राहत मिल जाने के बाद पति ने एक बार फिर से फ्लैट खोलने और बेटे को बाहर निकलने की मांग की तो मुनमुन के रुख में कोई बदलाव नहीं आया। इसके बाद सुजान ने पुलिस से गुहार की और पूरा मामला बताया।

पुलिस ने दबाव बनाकर मां और बेटे को बाहर निकाला। इसके बाद दोनों को नागरिक अस्पताल लाया गया। अस्पताल के मानसिक चिकित्सा विभाग सहित अन्य डाक्टरों ने मां और बेटे की जांच की। मानसिक चिकित्सा विभाग के डॉ. विनय कुमार के मुताबिक बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है।

बच्चे ने बताया कि उसे समय पर खाना आदि मिलता था। उसकी सभी प्रकार की जरूरतें पूरी की जा रही थीं। उन्होंने बताया कि महिला मानसिक रूप से समस्या ग्रस्त थी। उसे डर था कि उसके बेटे को कोविड संक्रमण न हो जाए। उसने अपनी शंका को ही हकीकत मान लिया था और इस मानसिक अवस्था से वह बाहर नहीं आ सकी थी।

About NW-Editor

Check Also

पतियो की दर्दभरी पुकार! ‘पत्नी पीड़ित’ पतियों का अनोखा प्रदर्शन- देखिए सच जो हिला देगा!

अहमदाबाद में पत्नियों से पीड़ित पतियों ने मंगलवार को रैली निकाली और अपने दुख साझा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *