निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मियों का प्रदर्षन जारी

– हटाये गये संविदा कर्मियों को तत्काल बहाल किये जाने की मांग

फतेहपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर बिजली कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा। समिति ने पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशान्ति का वातावरण बनाने का आरोप लगाते हुए मांग किया कि हटाये गये समस्त संविदा कर्मियों को तत्काल नौकरी में वापस लिया जाये और हटाये जाने का आदेश निरस्त किया जाये।
अधीक्षण अभियंता कार्यालय में हुई विरोध सभा मे संघर्ष समिति के पदाधिकारियों इं जितेंद्र कुमार, इं महेश चंद्र, इं आदित्य त्रिपाठी, धीरेंद्र सिंह, शुभम कश्यप, राजेश कुशवाहा, दीपनारायण, जयसिंह, अभिषेक तिवारी ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के पहले संविदा कर्मियों को हटाकर भय का वातावरण बनाया जा रहा है जो ऊर्जा निगमों की स्वस्थ्य कार्य प्रणाली पर विपरती प्रभाव डाल रहा है। निजीकरण के बाद दिल्ली में एक साल के अन्दर-अन्दर लगभग 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वीआरएस लेने के लिए मजबूर कर दिया गया था। समिति ने कहा कि उप्र में भी इसी तर्ज पर निजीकरण के पहले संविदा कर्मियों को बड़े पैमाने पर हटाया जा रहा है। अकेले पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में लगभग 50 हजार संविदा कर्मियों और 26 हजार नियमित कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटकी हुई है। निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मी निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार है। विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम आज भी जारी रहेगा।

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