जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद आज (27 अप्रैल) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में एक बार फिर से आतंक का मुद्दा उठाया। प्रधानमंत्री मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम को संबोधित किया। ये उनके कार्यक्रम का 121वां एपिसोड है। उन्होंने कहा, ‘पूरा विश्व, आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में 140 करोड़ भारतीयों के साथ खड़ा है। मैं पीड़ित परिवारों को फिर भरोसा देता हूं कि उन्हें न्याय मिलकर रहेगा।” पहलगाम में हुई आतंकी वारदात ने देश के हर नागरिक को दुःख पहुंचाया है।
पीड़ित परिवारों के प्रति हर भारतीय के मन में गहरी संवेदना है। भले वो किसी भी राज्य का हो, वो कोई भी भाषा बोलता हो, लेकिन वो उन लोगों के दर्द को महसूस कर रहा है, जिन्होंने इस हमले में अपने परिजनों को खोया है। मुझे एहसास है, हर भारतीय का खून, आतंकी हमले की तस्वीरों को देखकर खौल रहा है।’
पीएम मोदी ने कहा, “आतंकी और आतंक के आका चाहते हैं कि कश्मीर फिर से तबाह हो जाए और इसलिए इतनी बड़ी साजिश को अंजाम दिया। आतंकवाद के खिलाफ इस युद्ध में देश की एकता, 140 करोड़ भारतीयों की एकजुटता, हमारी सबसे बड़ी ताकत है।” उन्होंने आगे कहा, “पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही थी, लोगों की कमाई बढ़ रही थी, युवाओं के लिए नए अवसर तैयार हो रहे थे। देश के दुश्मनों को, जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को ये रास नहीं आया।”
पीएम मोदी ने कहा, “आज जब मैं आपसे दिल की बात कर रहा हूं तो मेरे दिल में एक गहरी पीड़ा है. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने हर नागरिक को दुखी कर दिया है। हर किसी को पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है। मैं समझता हूं कि आतंकी हमले की तस्वीरें देखकर हर नागरिक गुस्से से उबल रहा है।”
उन्होंने कहा, ‘पहलगाम में हुआ ये हमला, आतंक के सरपरस्तों की हताशा को दिखाता है, उनकी कायरता को दिखाता है। ऐसे समय में जब कश्मीर में शांति लौट रही थी, स्कूल-कॉलेजों में एक वाइब्रन्सी थी, निर्माण कार्यों में अभूतपूर्व गति आई थी, लोकतंत्र मजबूत हो रहा था, पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही थी, लोगों की कमाई बढ़ रही थी, युवाओं के लिए नए अवसर तैयार हो रहे थे। देश के दुश्मनों को, जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को, ये रास नहीं आया।’
पीएम मोदी ने आगे कहा, “कुछ समय पहले तक दंतेवाड़ा का नाम केवल हिंसा और अशांति के लिए जाना जाता था, लेकिन अब वहां, एक Science Centre, बच्चों और उनके माता-पिता के लिए उम्मीद की नई किरण बन गया है। इस Science Centre में जाना बच्चों को खूब पसंद आ रहा है। ”
पीएम ने आगे कहा, ‘साथियो, दो दिन पहले हमने देश के महान वैज्ञानिक डॉ० के. कस्तूरीरंगन जी को खो दिया है। जब भी कस्तूरीरंगन जी से मुलाकात हुई, हम भारत के युवाओं के टैलेंट, आधुनिक शिक्षा, स्पेस साइंस ऐसे विषयों पर काफी चर्चा करते थे। विज्ञान, शिक्षा और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाई देने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके नेतृत्व में ISRO को एक नई पहचान मिली. उनके मार्गदर्शन में जो स्पेस प्रोग्राम आगे बढ़े, उससे भारत के प्रयासों को ग्लोबल मान्यता मिली। आज भारत जिन सैटेलाइट का उपयोग करता है, उनमें से कई डॉ. कस्तूरीरंगन की देखरेख में ही लॉन्च की गई थी. उनके व्यक्तित्व की एक और बात बहुत खास थी, जिससे युवा पीढ़ी उनसे सीख सकती है. उन्होंने हमेशा इनोवेशन को महत्व दिया। कुछ नया सीखने, जानने और नया करने का विजन बहुत प्रेरित करने वाला है। ‘