अजमेर के सिटी स्क्वॉयर, मीराज मॉल और अन्य बाजारों में वकीलों ने जमकर तोड़फोड़ की। बंद के दौरान मुठ्ठी भर पुलिस के जवान वकीलों को रोकने में असफल रहे। अजमेर रेलवे स्टेशन के सामने होटल और दुकान खुली देख वकील भड़क गए। उन्होंने दुकान-होटल की जाली पर डंडे मारे। दुकानों के सामान भी फेंक दिए। इस दौरान कुछ वकील गुस्साए साथियों को शांत कराते भी नजर आए। उधर, पुष्कर और नसीराबाद के बाजार भी पूरी तरह से बंद हैं। रामगंज चौराहे (अजमेर) से गुजर रहे टेम्पो को रुकवाया और सवारियों को नीचे उतरवाया गया।
वकील ब्यावर रोड स्थित सब्जी मंडी पहुंचे। यहां भी दुकानें खुली थीं। गुस्साए वकीलों ने मंडी बंद कराई। एक वकील के हाथ में डंडा था। पुलिसकर्मियों के साथ इसको लेकर छीना-झपटी भी हुई। इससे आंदोलनकारी भड़क गए और पुलिस से झड़प हो गई। पुष्कर में सीनियर एडवोकेट पुरुषोत्तम जाखेटिया की हत्या के विरोध में आज (शनिवार) अजमेर, पुष्कर, नसीराबाद और ब्यावर बंद है। केवल मेडिकल स्टोर, स्कूल और पेट्रोल पंप को छूट रहेगी। शनिवार सुबह-सुबह बड़ी संख्या में वकील कोर्ट के बाहर इकट्ठे हुए। यहां अजमेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह रावत ने सभी अधिवक्ताओं को रूट की जानकारी दी।
उन्होंने सभी एडवोकेट से कहा कि हमें शांतिपूर्ण तरीके से बंद करवाना है। एक मार्च को भी अजमेर शहर बंद रखा गया था। बिजयनगर गैंगरेप-ब्लैकमेल कांड के विरोध में यह निर्णय लिया गया था। पिछले एक हफ्ते में दूसरी बार अजमेर शहर बंद रखा गया है। 2 मार्च की रात करीब 1.45 बजे बूढ़ा पुष्कर रोड स्थित संस्कार गार्डन के सामने घटना हुई। शराब के ठेके के पास 8-10 युवक गाड़ी में तेज आवाज में डीजे बजाकर बीच सड़क पर नाच रहे थे। पड़ोस में रहने वाले सीनियर एडवोकेट पुरुषोत्तम जाखेटिया ने इसका विरोध किया और डीजे बंद करने को कहा।
इस पर नशे में धुत बदमाशों ने उन पर लाठियों से हमला कर दिया। उनके सिर पर गंभीर चोट लगी। शुक्रवार रात हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस ने घायल एडवोकेट के भतीजे अंकुश की रिपोर्ट पर डीजे वाहन चालक और पिकअप सवार अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। शुक्रवार देर रात तक साथी वकील जेएलएन अस्पताल की मॉर्च्युरी के बाहर धरने पर बैठे रहे। वकीलों ने शव लेने से भी इनकार कर दिया है। इससे पहले शुक्रवार सुबह कोर्ट में भी जमकर हंगामा हुआ। कोर्ट पहुंचे और वहां लोगों और पुलिसकर्मियों को बाहर निकाल दिया। कोर्ट के अंदर की दुकानों को भी बंद करा दिया था।