बांदा-टांडा बाईपास की बदहाली पर युवा विकास समिति नाराज

– जल्द निर्माण पूर्ण न होने पर जनांदोलन की चेतावनी
–  बांदा-टांडा बाईपास की बदहाली पर नाराजगी जताते समिति के पदाधिकारी।
फतेहपुर। बांदा टांडा बाईपास मार्ग की हालत मौजूदा समय निर्माणाधीन अवस्था में बना हुआ है। अब तक इस मार्ग की मरम्मत व नवनिर्माण की दिशा में जो भी प्रशासनिक प्रयास हुए हैं, वह महज कागजी बनकर रह गए हैं। एनएचएआई ने वर्ष 2012-13 में करीब 1200 करोड़ से बांदा-टांडा मार्ग का प्रोजेक्ट तैयार किया था। निर्माण की जिम्मेदारी स्पेन की कंपनी सेंट जोंस को दी गई थी। कंपनी ने 11 किमी लंबे बाइपास का निर्माण किया, इसमें करीब 424 करोड़ रुपये की लागत आई थी। यह बाईपास बांदा मार्ग को कानपुर-प्रयागराज से जोड़ता है। बाइपास को दिल्ली-हावड़ा रूट से होकर गुजरना था, इसलिए ओवरब्रिज का निर्माण कराकर जनवरी 2019 में वाहनों का आवागमन शुरू कराया गया। निर्माण के छह माह बाद ही जून 2019 में ही ओवरब्रिज से बीम अलग हो गई। स्थिति गंभीर देख तत्काल ही ब्रिज से वाहनों का आवागमन भी बंद करा दिया गया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र मिश्रा ने कहा कि सात वर्ष से ध्वस्त पड़े बांदा टांडा बाईपास निर्माण के लिए अब क्षेत्रीय जनता सीधे आर-पार की लड़ाई की मन बना चुकी है। समिति के पदाधिकारी ने निर्माणाधीन स्थल का जायजा लिया व संबंधित अधिकारियों को चेताया कि जल्द ही निर्माण कार्य खत्म करके यातायात शुरू नही किया गया तो स्थानीय लोगों के सहयोग से बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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