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20 फीट दीवार ने ली 7 जानें: कुदरत का कहर या सिस्टम की नाकामी?

 

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले में श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में मंगलवार रात चंदनोत्सव कार्यक्रम के दौरान एक 20 फीट लंबी अस्थायी दीवार ढह गई। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है जबकि 4 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हादसे के समय भारी बारिश हो रही थी और मंदिर में भारी भीड़ मौजूद थी।

हादसे का समय और राहत कार्य

घटना रात करीब 2:30 बजे हुई जब भक्त भगवान के वास्तविक स्वरूप के दर्शन के लिए एकत्रित थे। जैसे ही दीवार ढही, भक्त मलबे में दब गए। सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया गया। विशाखापट्टनम के जिलाधिकारी हरेंद्र प्रसाद ने बताया कि सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और राहत-बचाव कार्य तेजी से जारी है।

मौके पर पहुंचे मंत्री, जांच के आदेश

राज्य की गृह और आपदा प्रबंधन मंत्री वंगलापुड़ी अनिता भी घटनास्थल पर पहुंचीं और हालात का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को गहन जांच के आदेश दिए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि घटना प्राकृतिक आपदा से हुई या किसी मानवीय लापरवाही का नतीजा थी।

बारिश बनी हादसे की वजह?

बंदोबस्ती विभाग के प्रमुख सचिव विनय चैन के अनुसार, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सुबह 2:30 से 3:30 के बीच भारी बारिश हुई थी, जिससे दीवार की नींव कमजोर हो गई और दबाव पड़ने पर वह गिर गई। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जांच पूरी होने से पहले कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। वहीं मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी हादसे को “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। उन्होंने कहा, “घटना ने मन को झकझोर दिया है। मैंने कलेक्टर और एसपी से बात की है और उन्हें निर्देश दिए हैं कि घायलों को हर संभव सहायता दी जाए। मैं व्यक्तिगत रूप से पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहा हूं।”

विपक्ष ने जताया दुख, की जांच की मांग

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने भी हादसे पर शोक जताया। उन्होंने कहा, “श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन के दौरान इस तरह से अपनी जान गंवानी पड़ी, यह बेहद हृदय विदारक है।” भाजपा के पूर्व एमएलसी माधव ने इसे अक्षय तृतीया के अवसर पर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया और सरकार से पीड़ितों को मुआवजा देने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

मंदिर में चंदनोत्सव का आयोजन, भारी संख्या में उमड़े थे श्रद्धालु

यह हादसा उस समय हुआ जब मंदिर में श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी के चंदनोत्सव उत्सव का आयोजन चल रहा था। भगवान को प्रातः 1 बजे सुप्रभात सेवा के साथ जगाया गया और उनके शरीर से चंदन हटाया गया। इसके बाद मंदिर ट्रस्टी पुसापति अशोक गजपति राजू और उनके परिवार को सबसे पहले दर्शन का अवसर मिला। राजस्व मंत्री अंगनी सत्य प्रसाद ने भगवान को रेशमी वस्त्र अर्पित किए और दोपहर से ही हजारों भक्त दर्शन के लिए मंदिर परिसर के कल्याणम मैदान में जुटने लगे थे।

लापरवाही या प्राकृतिक आपदा? जांच के बाद होगा खुलासा

विशाखापट्टनम में हुआ यह हादसा एक बार फिर मंदिरों में भीड़ नियंत्रण और संरचनात्मक सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है। हालांकि प्रारंभिक जांच में बारिश को जिम्मेदार माना जा रहा है, फिर भी सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हादसे की विस्तृत जांच की जाए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न दोहराई जाए।

 

 

 

 

 

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