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“ठंड से बचने की कोशिश में कमरे में सो रहे चार दोस्तों की मौत”

कानपुर: एक कमरे में सो रहे चार दोस्तों के शव गुरुवार सुबह मिले। बताया जा रहा है कि ठंड के कारण उन्होंने तसले में कोयला जलाया था। कमरे को अंदर से बंद कर सो गए थे। शुरुआती जांच के मुताबिक, चारों की मौत दम घुटने से हुई है। पनकी थाना के इंडस्ट्रियल एरिया में रहने वाले ये चारों दोस्त गुरुवार सुबह काफी देर तक नहीं उठे। पास में रहने वाले साथियों ने कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। शक होने पर पुलिस को सूचना दी गई। तब तक लोगों ने दरवाजा तोड़ा, अंदर चारों के शव पड़े मिले। सभी देवरिया के थाना तरकुलवा के तौकलपुर गांव के रहने वाले थे। रिफाइनरी फैक्ट्री में वेल्डिंग का काम करते थे। फैक्ट्री परिसर में 10X8 के कमरे में रहते थे। इनकी पहचान अमित वर्मा (32), संजू सिंह (22), राहुल सिंह (23) और दाऊद अंसारी (28) के रूप में हुई है। चारों ने रात में चिकन, रोटी और चावल बनाकर खाया था।

गार्ड अजय ने बताया- रात में ये लोग चिकन, रोटी और चावल बनाकर खाए थे। पास के कमरे में रहने वाला इनका साथी नागेंद्र गुरुवार सुबह 6 बजे उठा। चारों लोगों को जगाने गया। अंदर से कमरा बंद था। कोई जवाब भी नहीं मिला। दरवाजा खोलने की बहुत कोशिश की गई, लेकिन खुला नहीं। फिर ठेकेदार अरुण को फोन कर बताया। अरुण आए तो दरवाजा किसी तरह तोड़ा गया। अंदर देखा तो कमरा धुएं से भरा था। तसले में कोयला और बुरादा सुलग रहा था।  बुधवार रात कानपुर बर्रा सेंटर का न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। सर्द रात में चारों दोस्त कोयला जलाकर फर्श पर लेटे थे। किसी ने कागज के गत्ते बिछाए थे, तो कोई पतला चादर बिछाए था। कोई पैंट-शर्ट तो कोई हाफ टीशर्ट और लोअर पहने था। तीन लोगों ने पतले कंबल ओढ़ रखे थे। एक बिना कुछ ओढ़े ही लेटा था।

पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल ने बताया- कमरे में किसी तरह का वेंटिलेशन नहीं था। कोयला जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनी, जिसे चारों युवक धीरे-धीरे बिना महसूस किए इनहेल करते रहे। इसी दौरान सो गए। सुबह जब उनके साथी दरवाजा खुलवाने पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। किसी तरह दरवाजा खुलवाने पर देखा गया कि चारों युवक दम तोड़ चुके हैं। फोरेंसिक जांच पूरी कर ली गई है।  रिफाइनरी फैक्ट्री अभी बन ही रही है, जिसके मालिक तरुण बताए जा रहे हैं। इंदौर की आदित्य इंटरप्राइजेज कंपनी निर्माण काम कर रही है। कंपनी में पेंटिंग और वेल्डिंग का काम चल रहा है। ये सभी वेल्डिंग का काम 6 महीने से कर रहे थे। बॉयलर की टेस्टिंग के लिए भारी मात्रा में कोयला आया था, जिसे सुलगा कर ये लोग सोए थे। पुलिस फैक्ट्री को सील कर दिया है।

अंगीठी या हीटर से क्यों होती है मौत, जानिए…

कानपुर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. एसके गौतम के मुताबिक, हीटर या अंगीठी जलाकर सोने से कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड का लेवल बढ़ जाता है। आक्सीजन कम मिलने से सिरदर्द, चक्कर आना, मतली, उल्टी जैसे ​​लक्षण होते हैं। ऐसे में दिल, दिमाग और दूसरे हिस्सों में ऑक्सीजन की सप्लाई घट जाती है। जब दिल को खून की आपूर्ति कम होने लगती है तो दूसरे टिशू सही मात्रा में ब्लड पंप करने में असमर्थ होने लगते हैं। इससे दिल का गंभीर दौरा पड़ता है। इलाज नहीं मिल पाने से उसकी मौत हो जाती है।

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