उत्तर भारत के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। दिल्ली, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। नदियाँ उफान पर हैं, सड़कें और घर पानी में डूब गए हैं, और कई इलाकों में बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुँचा है। IMD ने इन क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और गंभीर होने की आशंका है।
दिल्ली में यमुना का बढ़ता जलस्तर
मालूम हो कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। 02 सितंबर को यमुना का जलस्तर 208.36 मीटर तक पहुँच गया, जो 13 जुलाई, 2023 को दर्ज किए गए 208.66 मीटर के सर्वकालिक उच्च स्तर से मात्र 0.30 मीटर कम है। इस वजह से यमुना बाजार, मायूर विहार और अन्य निचले इलाकों में पानी घुस गया है, जिसके कारण स्थानीय प्रशासन ने लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके अलावा दिल्ली में भारी बारिश के कारण सड़कों पर जलजमाव और भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और दक्षिण दिल्ली की प्रमुख सड़कों पर वाहन घंटों तक फंसे रहे। स्कूलों को बंद कर दिया गया है और कई निजी कार्यालयों को वर्क-फ्रॉम-होम की सलाह दी गई है।
पंजाब में 1988 के बाद सबसे भयावह बाढ़
पंजाब में सतलुज, ब्यास और रावी जैसी प्रमुख नदियों के उफान पर होने से बाढ़ ने 1988 के बाद की सबसे भयावह स्थिति पैदा कर दी है। राज्य सरकार के अनुसार, 23 जिलों में 3.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। 1,400 से ज्यादा गाँव जलमग्न हो चुके हैं। जालंधर में जलजमाव के कारण बाजार और आवासीय क्षेत्र 5-6 फीट पानी में डूब गए हैं, जबकि कपूरथला में काली बेइन नदी के बढ़ते जलस्तर ने आसपास के गाँवों को हाई अलर्ट पर रखा है। पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर और अमृतसर जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है।
जम्मू-कश्मीर में भूस्खलन और सड़कें बंद
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश ने तवी और चिनाब जैसी नदियों को उफान पर ला दिया है। जम्मू में 24 अगस्त को 190.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो अगस्त माह में एक सदी में दूसरी सबसे अधिक बारिश है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग लगातार छठे दिन बंद रहा और कई जगहों पर भूस्खलन ने यातायात को पूरी तरह ठप कर दिया। वहीं, डोडा जिले में एक बड़े भूस्खलन ने पहाड़ का एक हिस्सा नाले में गिरा दिया, जिससे आसपास के क्षेत्रों में खतरा बढ़ गया। जिस वजह से स्कूल बंद कर दिए गए हैं और सलाल बांध के कई फाटकों को खोलकर चिनाब नदी के बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में भी हालात गंभीर
हिमाचल प्रदेश में बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने सबसे अधिक तबाही मचाई है। 20 जून से शुरू हुए मॉनसून के बाद से अब तक 161 लोगों की जान जा चुकी है और 3,056 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मंडी, कुल्लू, चंबा और शिमला जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। शिमला में 70 साल में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में असामयिक बर्फबारी ने तापमान को और गिरा दिया। वहीं, मंडी में 280 से अधिक सड़कें बंद हैं और चंडीगढ़-मनाली और शिमला-कालका राजमार्ग भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने कहा कि प्रकृति की इस प्रचंडता से निपटने के लिए राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा स्थगित
उत्तराखंड में भी बारिश और भूस्खलन ने कहर बरपाया है। चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। अलकनंदा, यमुना, भागीरथी और गंगा जैसी नदियाँ खतरे के निशान के करीब बह रही हैं। केदारनाथ राजमार्ग सहित कई प्रमुख सड़कें बंद हैं। साथ ही, चारधाम यात्रा को 5 सितंबर तक स्थगित कर दिया गया है। अगस्त में बादल फटने की घटनाओं ने 10 लोगों की जान ली। नैनीताल का झील ओवरफ्लो होने की कगार पर है।
IMD ने भारी बारिश की दी चेतावनी
IMD ने 07 सितंबर तक उत्तर-पश्चिम भारत में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में रेड अलर्ट जारी है, जबकि दिल्ली और हरियाणा में हल्की बारिश की संभावना है। इसी के साथ केंद्र और राज्य सरकारें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के लिए इंटर-मिनिस्टीरियल सेंट्रल टीमें (IMCTs) गठित की हैं, जो प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का आकलन करेंगी। वहीं, भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) ने हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया है।
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