– ठेकेदार ने शासनादेश का भी नहीं रखा ख्याल
– स्ट्रीट लाइट के नाम पर करोड़ों के घोटाले की आशंका
फतेहपुर। जिला पंचायत द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगाई गई स्ट्रीट लाइट में बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आया है। आरोप है कि करोड़ों रुपये की लागत से पंचायत क्षेत्रों में लगाई गई स्ट्रीट लाइटों में न सिर्फ गुणवत्ता से समझौता किया गया, बल्कि शासनादेशों की भी अनदेखी की गई। शिकायतकर्ता युवा विकास समिति के अनुसार, मे. सुरेन्द्र सिंह कांट्रेक्टर एंड सप्लायर्स फार्म के माध्यम से कराए गए इस कार्य में ऐसी लाइटों का उपयोग किया गया, जो शासन द्वारा अनुमन्य ब्रांडों की सूची में शामिल ही नहीं हैं। शासनादेश के तहत बजाज, सिस्का, फिलिप्स, हैवेल्स, सूर्या, हैलोनिक्स, पैनासोनिक एवं एवरेडी जैसे मान्य ब्रांडों की लाइटें ही लगाए जाने का प्रावधान है, किंतु जिला पंचायत ने इसके विपरीत पालीकैब कंपनी की लाइटें लगवाईं। गौरतलब है कि इन लाइटों को स्थापित करने के लिए मानक 32 एमएम जीआई पाइप की जगह सस्ते व कमजोर पाइपों का प्रयोग किया गया, जिससे उनकी उम्र व कार्यक्षमता दोनों पर सवाल उठ रहे हैं। कई गांवों में तो इन लाइटों के खराब होने की शिकायत महज 2 से 3 महीनों के भीतर ही सामने आ गई, जिससे ग्रामीणों में भी असंतोष है। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि एलईडी लाइटों की खरीद अनिवार्य रूप से जेम पोर्टल के माध्यम से की जानी थी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे, किंतु यहां पोर्टल का उपयोग न कर मनमाने दामों पर खरीद की गई। इससे सरकार को दोहरा नुकसान हुआ, एक तो अधिक कीमत अदा की गई, दूसरे घटिया सामग्री से जनता को अपेक्षित लाभ नहीं मिला। इस मामले में युवा विकास समिति के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र मिश्रा ने आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी है और तत्पश्चात शासन स्तर पर जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यह केवल वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि जनता के धन की खुली लूट है।