रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी नेता पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। 88 साल की उम्र में पोप फ्रांसिस ने आखिरी सांस ली है। वो लंबे समय से बीमारी से ग्रस्त थे। वेटिकन केमरलेंगो कार्डिनल केविन फेरेल ने पोप फ्रांसिस के निधन को लेकर आधिकारिक घोषणा की और कहा कि आज सुबह 7:35 बजे रोम के बिशप फ्रांसिस फादर के घर लौट आए। पोप फ्रांसिस कैथोलिक चर्च के 266वें पोप थे और वर्तमान में वेटिकन सिटी के प्रमुख भी थे। उनका असली नाम जॉर्ज मारियो बेर्गोलियो है। वो 13 मार्च 2013 को पोप चुने गए थे। अर्जेंटीना में उनका जन्म हुआ था। सोमवार, 21 अप्रैल को पोप फ्रांसिस के निधन की जानकारी आई।
कार्डिनल केविन फेरेल ने बयान में कहा- ‘मुझे बहुत दुख के साथ हमारे पवित्र पिता फ्रांसिस की मृत्यु की घोषणा करनी है। आज सुबह 7:35 बजे, रोम के बिशप फ्रांसिस, फादर के घर लौट आए। उनका पूरा जीवन ईश्वर और उनके चर्च की सेवा के लिए समर्पित था। उन्होंने हमें निष्ठा, साहस और सार्वभौमिक प्रेम के साथ सुसमाचार के मूल्यों को जीना सिखाया, खासकर सबसे गरीब और सबसे हाशिए पर पड़े लोगों के पक्ष में।’
पोप फ्रांसिस को क्या बीमारी हुई थी?
88 साल के पोप फ्रांसिस को फरवरी 2025 में डबल निमोनिया और ब्रोंकाइटिस के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लगभग 5 हफ्ते उनका इलाज चला। एपी की रिपोर्ट में दावा है कि उन्होंने अस्पताल में 38 दिन बिताए, जो उनके 12 साल के पोप पद का सबसे लंबा अस्पताल में भर्ती होना था। उन्हें 23 मार्च को छुट्टी दे दी गई, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें दो महीने के आराम की सलाह दी थी। ईस्टर रविवार, 20 अप्रैल 2025 को, पोप फ्रांसिस ने सेंट पीटर स्क्वायर में सार्वजनिक रूप से उपस्थिति दर्ज कराई। यहां अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी पोप फ्रांसिस से मुलाकात की थी।