दो कमरों में परिवार के 6 लोग थे, गांव में प्रभात फेरी निकल रही थी, तभी घर के अंदर का मंजर देखकर हर कोई दहल गया। यह कहना है मृतक सत्यभान के मकान के पीछे रहने वाले लाल सिंह का। वह सेना से सेवानिवृत्त हैं। 70 साल से अधिक की उम्र हो गई है। उनकी दीवार और सत्यभान के घर की दीवारें और छत आपस में मिली हुई है।
उन्होंने बताया कि वह लोग सत्यभान के परिवार से ज्यादा संबंध तो नहीं रखते थे, लेकिन घरों की दीवार लगी होने के कारण परिवार के बारे में पता चल जाता था। सत्यभान का पूरा परिवार दो कमरों में रहता था। आगे खाली जगह थी, जिसमें भैंस और भूसा रखा रहता था। लाल सिंह ने बताया कि रात में हुए हत्याकांड की जानकारी अगले दिन सुबह 5 बजे हो सकी थी। पड़ोस के रहने वाले कुछ लोग प्रभात फेरी के दाैरान उनके घर पहुंचे थे।
अंदर जाकर देखा तो कमरों से लाल रंग में तरल पदार्थ बहकर आ रहा था। उन्हें लगा कि पानी फैल गया। कमरों के अंदर का दृश्य देखकर उनकी चीख निकल गई। कुछ ही देर में गांव के अन्य लोग आ गए। मगर, कोई अंदर जाने की हिम्मत नहीं कर सका। बाद में पुलिस आई। पुलिस ने पूरे घर की छानबीन की। जो सुबूत मिलते गए, उनको कब्जे में ले लिया। पुलिस ने जो खुलासा किया, उसे सुनकर सभी चाैंक गए थे। उन्हें नहीं पता था कि एक भाई अपने ही भाई के परिवार का खात्मा कर देगा।
गांव के प्रीतम सिंह ने बताया कि छह लोगों की हत्या की घटना के बाद गली में कई दिन तक दहशत का माहाैल रहा था। जिस घर में एक साथ 6 लोगों की हत्या हुई, उसके आसपास कई दिन तक लोग नहीं गए। अब जब लोग इस घटना को भूल गए थे, तब सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पता चला। इससे एक बार फिर से घटना ध्यान में आ गई। मृतक सत्यभान का घर अब भी वीरान पड़ा हुआ है। 12 साल बाद भी मकान में कोई रहने नहीं आया है। जिन दो कमरों में हत्या हुई थी, उनमें भूसा जरूर भरा हुआ है। मुख्य दरवाजे को बंद कर दिया है।
पड़ोसी ने बगल से दरवाजा खोलकर दूसरी तरफ से रास्ता बना लिया है। गांव वाले डरे हुए हैं। एक महिला ने कहा कि बेटा हमें तो गांव में ही रहना है। किसी के परिवार में क्या हुआ, क्यों बताएं। उन्हें किसी से कोई रंजिश नहीं लेनी है। जिसे जो करना था, वह करके चला गया। अब काैन मुक्त हुआ, उसे जानने से क्या फायदा हो जाएगा। 6 लोगों की जान चली गई। सुनकर ही डर जाते हैं। जिसे पुलिस ने आरोपी ठहराया था, अब वह गांव में आएगा तो कैसे रह पाएगा? यह ही सवाल बना हुआ है।